अजमेर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की तीनदिवसीय कार्यषाला जिला परिषद में प्रारम्भ
पंचायत राजसंस्थाओं से जुडे़ अधिकारी एवं कर्मचारी ले रहे है भाग
अजमेर 12 जुलाई। पंचायती राज जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों व सामुदायिक संगठनों को सशक्त विकेन्द्रीकृत आयोजना के माध्यम से “ग्राम पंचायत विकास नियोजन“ के द्वारा विषयक ज्ञान, कौशल व बुनियादी तत्वो को सम्बल प्रदान करने एवं ग्रामीण विकास में भागीदारी सुनिष्चित करने हेतु तीन दिवसीय कार्यषाला की शुरूआत मंगलवार को जिला परिषद सभागार में हुई।
जिला परिषद अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय माथुर ने कार्यषाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को बताया कि 73वें संविधान संशोधन अधिनियम लागू होने के पश्चात् यह पहला मौका है कि 14वें केन्द्रीय वित्त आयोग के माध्यम से देश की लगभग 2.50 लाख ग्राम पंचायतो को लगभग 200 लाख करोड़ की राशि सीधे ग्राम पंचायतो को अनुदान देने की एक नयी शुरूआत हुई है। साथ ही पाँचवें राज्य वित्त आयोग के माध्यम से अजमेर जिले की लगभग 282 ग्राम पंचायतो को लगभग 80 प्रतिशत राशि सीधे ग्राम पंचायतो को अनुदान के रूप में देने की अनुशंसा की गयी है।
जिला परिषद मुख्य आयोजना अधिकारी बीना वर्मा ने बताया कि पंचायती राज प्रशिक्षण विकेन्द्रीकृत अभियान अन्तर्गत “ग्राम पंचायत विकास नियोजन“ तैयार करने हेतु पंचायत संदर्भ समूह एवं पंचायत तकनीकी सहयोग समूह का गठन किया जाकर पंचायत विकास कार्यो में सीधे तोर से जुडे़ जिला स्तरीय अधिकारियों, जिला परिषद सदस्यों , पंचायत समितियों के प्रधान, विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, पंचायत प्रसार अधिकारी, ब्लाॅक सांख्यकी अधिकारी, बाल विकास विभाग के अधिकारी, सहायक कृषि अधिकारीयों की 12 से 14 जुलाई तक तीन दिवसीय आवासीय कार्यशाला आयोजित कि जा रही हैै।
मंगलवार को कार्यषाला में जिला परिषद अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय माथुर, लेखाधिकारी राजकिषोर मीणा, सहायक अभियंता कौषलकिषोर सामरिया, विजेन्द्रसिंह राठौड़, कल्याण रूरल डवलपमेन्ट फाउण्डेषन के पीयूष दवे, ग्रामीण महिला विकास संस्थान के षंकरसिंह रावत ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकरियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षित एवं युवा वर्ग के जनप्रतिनिधि जो पहली बार चुनकर आये है उनके नये आदर्शो, नयी दृष्टि, नये जोश के माध्यम से “ग्राम पंचायत विकास नियोजन“ का निर्माण क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से प्रभावी व व्यवहारिक रूप से सफलतापूर्वक कार्य करने का प्रषिक्षण दिया गया।
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