बुधवार, 27 जुलाई 2016

बाड़मेर। खुलासा, नगर परिषद में पेट्रोल से जलाया गया था कम्प्यूटर

बाड़मेर। खुलासा, नगर परिषद में पेट्रोल से जलाया गया था कम्प्यूटर


बाड़मेर। दस महीने पहले नगर परिषद के कम्प्यूटर कक्ष में आग लगने के मामले का शीघ्र ही खुलासा होने की उम्मीद है। एफएसएल रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि परिषद के कमरा संख्या 19 में पेट्रोल छिड़ककर कम्प्यूटर जलाया गया। वारदात को सीसीटीवी कैमरों में कैद होने से बचाने के लिए पहले कैमरों को बंद किया गया, फिर कम्प्यूटर को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस यह पड़ताल कर रही है कि कम्प्यूटर पर पेट्रोल छिड़ककर उसे आग के हवाले किसने किया और इस षड्यंत्र में कौन-कौन शामिल हैं। वारदात को अंजाम देने वालों तक पहुंचने के लिए मंगलवार को जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा ने नगर परिषद बाड़मेर के 14 कार्मिकों को नोटिस देकर तलब किया और उनसे पूछताछ की।

खुलासा, नगर परिषद में पेट्रोल से जलाया गया था कम्प्यूटर


इन कार्मिकों से हुई पूछताछ
नगर परिषद बाड़मेर के कार्यालय सहायक स्वरूपचंद शर्मा, कनिष्ठ लिपिक नरेश कुमार, अरुण कुमार, ऊर्जाराम, दिनेश सैनी, गोपीकिशन, कैशियर जीवराजसिंह, लाइनमैन करनाराम, चश्रेक सुबदान, फायरमैन मोहनलाल, ओमप्रकाश, सफाईकर्मी राजेश, मिस्त्री मगाराम, संविदाकर्मी संदीप को सोमवार को एएसपी की ओर से थमाए गए नोटिस में मंगलवार को पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा गया। मंगलवार को सभी कार्मिक सामूहिक रूप से एएसपी विपिन शर्मा के समक्ष उपस्थित हुए, जिनसे कम्प्यूटर जलने संबंधी वारदात को लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहेगा।





16 सितम्बर को हुई थी वारदात
नगर परिषद में कम्प्यूटर जलाने की वारदात 16 सितम्बर 2015 की सुबह करीब 9 बजे हुई। सफाईकर्मी ने प्रथम तल पर स्थित कमरा संख्या 19 के भीतर धुआं उठते हुए देखा। कमरे के बाहर ताला लगा हुआ था। उस वक्त परिषद के कार्मिक कार्यालय पहुंच रहे थे। कार्यालय पहुंचे कार्मिकों ने इसकी सूचना कार्यवाहक आयुक्त ओमप्रकाश ढिंढवाल व सभापति लूणकरण बोथरा को दी। इस कमरे की चाबी संविदाकर्मी प्रेम आचार्य के पास थी। सूचना मिलने पर वह भी पहुंचा। कमरे का ताला खोला गया। अंदर धुआं ही धुआं था। बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची।





आयुक्त ने दर्ज करवाई थी एफआईआर
कार्यवाहक आयुक्त ढिंढवाल ने मामला दर्ज करवाया था कि कमरा संख्या 19 प्रेमप्रकाश आचार्य के जिम्मे था। एफआईआर में ही उन्होंने अंदेशा जताया कि नगर परिषद में पूर्व में महत्वपूर्ण पत्रावलियां चोरी हुई थी, चोरी प्रकरणों के हितबद्ध व्यक्तियों अथवा उनके हितबद्ध नगर परिषद कार्मिकों ने संभवत: षड्यंत्रपूर्वक आगजनी की। इसके बाद पुलिस ने कई घण्टे तक प्रेम आचार्य व अन्य कार्मिकों से पूछताछ की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।





क्या था कम्प्यूटर में
बहुचर्चित खसरा संख्या 1468 में सरकारी भूमि के पट्टे निजी व्यक्तियों के नाम जारी करने से संबंधित दस्तावेज व अन्य सैकड़ों पट्टा पत्रावलियों से संबंधित दस्तावेज इस कम्प्यूटर में थे। इस कम्प्यूटर में जो दस्तावेज थे, उससे संबंधित अधिसंख्य पत्रावलियां नगर परिषद से चोरी हो गई। गायब पत्रावलियों की संख्या करीब 2500 है, जो अभी तक नहीं मिली है। अधिकांश फर्जी पट्टे इसी कम्प्यूटर से जारी हुए। इसी वजह से यह कम्प्यूटर जलाया गया। जिस दिन कम्प्यूटर जलाने की वारदात हुई, उसी दिन से तत्कालीन आयुक्त जोधाराम विश्नोई सात दिन के अवकाश पर गए। फर्जी पट्टों पर जोधाराम के स्कैण्ड हस्ताक्षर थे।





4-5 जनों पर गहरा संदेह
कम्प्यूटर जलाने की वारदात में नगर परिषद बाड़मेर से जुड़े चार-पांच जनों पर गहरा संदेह है। वे इस वारदात में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। षड्यंत्रपूर्वक अंजाम दिए गए इस कृत्य में पुलिस जांच खुलासे के करीब है। पुलिस ने मोटे तौर पर संदिग्धों की पहचान कर ली है। वारदात के मास्टरमाइण्ड भी पुलिस ने चिह्नित कर लिए हैं। अब कडिय़ां जोडऩे पर होमवर्क हो रहा है।





पेट्रोल से जलाया था
नगर परिषद में कम्प्यूटर जलने की जो वारदात हुई थी, उसमें पूछताछ के लिए कार्मिकों को बुलाया गया था। कम्प्यूटर शॉर्ट सर्किट से नहीं जला था, उसे पेट्रोल से जलाया गया। कम्प्यूटर किसने व क्यों जलाया, इसमें कौन शामिल है, इसकी जांच की जा रही है। मंगलवार को कुछ कार्मिकों से पूछताछ हुई, बुधवार को भी पूछताछ की जाएगी।

- विपिन शर्मा, जांच अधिकारी व एएसपी, बाड़मेर

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