गुरुवार, 14 जुलाई 2016

बाड़मेर, -बिजली की बकाया राशि एकमुश्त जमा कराने पर पर ब्याज व पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट



बाड़मेर,विशेष जागरूकता एवं चिकित्सा जांच शिविर आज

बाड़मेर, 14 जुलाई। पचपदरा क्षेत्र के लवण श्रमिकांे के लिए राज्य सरकार की ओर से संचालित की जा रही विभिन्न योजनाआंे की जानकारी देने के साथ उनके स्वास्थ्य की जांच एवं क्रोनिक बीमारियांे के उपचार के लिए एक विशेष जागरूकता तथा चिकित्सा जांच शिविर 15 जुलाई को ग्राम पंचायत पचपदरा के अटल सेवा केन्द्र मंे प्रातः 10 बजे से आयोजित होगा।

जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक घनश्याम गुप्ता ने बताया कि केयर्न इंडिया एवं जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान मंे आयोजित होने वाले इस शिविर मंे लवण श्रमिकांे को उपलब्ध कराए जाने वाले सुरक्षा उपकरणांे एवं सुरक्षात्मक उपायांे के बारे मंे जागरूक किया जाएगा। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली विभिन्न सहायता एवं सुविधाआंे बीमा सुरक्षा, विभिन्न बीमारियांे तथा उपचार के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी जाएगी। उन्हांेने अधिकाधिक लवण श्रमिकांे से इस शिविर मंे भाग लेने की अपील की है।

प्राध्यापक स्कूल शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा की समीक्षा बैठक आज

बाड़मेर, 14 जुलाई। प्राध्यापक स्कूल शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियांे संबंधित समीक्षा बैठक 15 जुलाई शुक्रवार को प्रातः 11 बजे कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे रखी गई है। इस संबंध मंे संबंधित अधिकारियांे को आवश्यक सूचनाआंे के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है।

अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई ने बताया कि प्राध्यापक स्कूल शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा 17 से 27 जुलाई तक प्रातः 11 से दोपहर 12.30 बजे तक एक सत्र तथा 20 से 26 जुलाई के मध्य दो सत्रांे प्रातः 9 से दोपहर 12 बजे तथा दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक तथा 27 जुलाई को प्रातः 9 से दोपहर 12 बजे तक आयोजित होगी। बिश्नोई ने बताया कि इस परीक्षा से संबंधित कार्य को सूचारू रूप से संपन्न करवाने एवं अब तक की गई कार्यवाही की समीक्षा के लिए कांफ्रेस हाल मंे बैठक आयोजित की जा रही है।

खबड़ाला मंे जिला कलक्टर की रात्रि चौपाल आज

बाड़मेर, 14 जुलाई। हरसाणी कलस्टर के लिए जिला कलक्टर की रात्रि चौपाल खबड़ाला ग्राम पंचायत मंे शुक्रवार 15 जुलाई को आयोजित होगी। इस दौरान जिला कलक्टर सुधीर शर्मा आमजन की समस्याआंे को सुनकर समाधान करेंगे।

डिस्काम की एमनेस्टी योजना आज से

-बिजली की बकाया राशि एकमुश्त जमा कराने पर पर ब्याज व पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट


बाड़मेर, 14 जुलाई। बिजली की बकाया राशि जमा नही कराने के कारण 31 मार्च, 2015 तक या उससे पूर्व कटे हुए विद्युत कनेक्शन के उपभोक्ताओं के लिए बिना ब्याज एवं पैनेल्टी के बकाया राशि जमा कराने की एमनेस्टी योजना शुक्रवार से शुरू होगी। इसके तहत बकाया राशि एकमुश्त जमा करवाने पर ब्याज व पैनल्टी में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।

एमनेस्टी योजना 15 जुलाई से 30 सितंबर तक की अवधि के लिए ही लागू की गई है। इसके तहत सभी श्रेणी के उपभोक्ता बकाया राशि जमा करवा कर कटे हुए कनेक्शन को पुनः जुड़वा भी सकते हैं। इसका लाभ ऐसे उपभोक्ताओं को ही मिलेगा, जिनके बिजली कनेक्शन बकाया राशि नहीं जमा कराने के कारण 31 मार्च, 2015 तक या उससे पूर्व कट गए थे और उन्होंने गत 5 वर्षों में इस तरह की योजनाओं का लाभ नहीं लिया है। इस योजना मंे 5 लाख रुपए तक की सम्पूर्ण बकाया राशि एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज एवं पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट मिलेगी। इसके अतिरिक्त यदि बकाया राशि 5 लाख रुपए से अधिक है तो 5 लाख रुपए या मूल बकाया राशि का 25 प्रतिशत जो भी अधिक हो जमा कराने पर ब्याज व पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट एवं शेष राशि आसान किश्तों में 5 माह में वसूली के लिए सहायक अभियन्ता-लेखाधिकारी-एचटीबी को मासिक किश्त करने के लिए अधिकृत किया गया है। निर्धारित किश्त की राशि जमा नही कराने वाले उपभोक्ताओं को एमनेस्टी योजना का लाभ देय नहीं होगा एवं उनसे ब्याज एवं पेनल्टी की संपूर्ण राशि की वसूली की जाएगी। एमनेस्टी योजना के प्रावधानों के अनुसार बिजली चोरी एवं दुरुपयोग से सम्बन्धित बकाया राशि पर इस योजना के तहत छूट नहीं मिलेगी।

कृषि श्रेणी में कटे कनेक्शनांे मंे क्या होगा प्रावधानः कृषि नीति के प्रावधानों के अनुसार ही पुनः जोड़े जा सकेंगे। कृषि श्रेणी के कटे कनेक्शन को सम्पूर्ण मूल बकाया राशि, रि-कनेक्शन शुल्क, सिक्यूरिटी चार्जेज एवं आवश्यक होने पर कनेक्शन के लिए अतिरिक्त लाईन की लागत राशि जमा कराने पर ही पुनः जोड़े जाएंगे। ऐसे उपभोक्ता जिनके बकाया राशि से सम्बन्धित प्रकरण न्यायालय में लंबित है और वे इस एमनेस्टी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उनको सम्पूर्ण मूल राशि जमा कराने और एक माह में प्रकरण को वापस लेने की अण्डरटेकिंग प्रस्तुत करनी होगी। इसके साथ ही योजना अवधि में उपभोक्ता शिकायत निवारण एवं सेटलमेन्ट फोरम की बैठक साप्ताहिक आयोजित होगी एवं यदि किसी उपभोक्ता का मूल राशि का विवाद है तो ऐसे उपभोक्ता सम्बन्धित फोरम में जाकर प्रकरण का निस्तारण करवाने के बाद इस योजना का लाभ ले सकते हैं। योजना अवधि में सम्बन्धित फोरम शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण को सुनिश्चित करेंगे। सामान्य उपभोक्ता सम्बन्धित सहायक अभियन्ता एवं एचटी कंज्यूमर-लेखाधिकारी (एचटीबी) को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकते है।

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का दूसरा चरण शुरू

- जिला कलक्टर को गांव चिन्हित करने के निर्देश, जीओ टेगिंग के साथ वे पाइन्ट का उपयोग होगा


बाड़मेर, 14 जुलाई। राजस्थान नदी बेसिन एवं जल संसाधन योजना प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में गाँव चिन्हित करने के निर्देश दिए है। अभियान के दूसरे चरण में प्रदेश के 3500 गांवों में जल संग्रहण कार्य आरंभ होंगे।

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के संबंध मंे बुधवार को वीडियो कोंफ्रेंसिंग मंे सभी जिला कलेक्टरों को अभियान के प्रथम चरण की सफलता की बधाई देते हुए राम वेदिरे ने कहा कि वर्षा के पश्चात अभियान में हुए जल संग्रहण कार्यों पर जल भराव हो रहा है यह प्रदेश के लिए अच्छा संकेत है। उन्होेंने कहा कि अभियान में देश में पहली बार कार्योें की जीओ टेगिंग की गयी जिससे कार्य गुणवत्ता पूर्ण एवं निर्धारित समय मेें पूरे हुए तथा उनकी समय-समय पर देख-रेख की जा सकेगी। इस दौरान वेदिरे ने कहा कि अभियान के द्वितीय चरण में सर्वेक्षण दल को नया मोबाइल साफ्टवेयर “वे पॉइन्ट“ उपलब्ध करवाया जा रहा है जिससे उनके कार्य में सुविधा होने के साथ ही मुख्यालय से कार्य का अवलोकन भी किया जा सकेगा। इस दौरान मुख्य सचिव श्री ओ.पी. मीणा ने कहा कि प्रदेश के लिए जल संरक्षण एक महत्वपूर्ण कार्य है जिसे अभियान में सफलता पूर्वक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान मेें श्रेष्ठ कार्य करने वाले तथा दानदाताओं को भी सम्मानित किया जायेगा। वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एन.सी. गोयल ने कहा कि सभी जिलोेें में 21जुलाई को राज्य स्तरीय पौधारोपण कार्यक्रम होगा जिसे मुख्यमन्त्री जल स्वावलम्बन अभियान स्थल पर ही आयोजित किया जाएगा। जल संसाधन विभाग के अति मुख्य सचिव ओ.पी. सैनी ने कहा कि जल स्वावलम्बन अभियान से गांवों में जल संग्रह होने से खुशहाली आएगी। जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव जे.सी मोहन्ती ने सभी जिलों में सर्वे कर विभाग के पुनर्जीवित हुए ट्यूबवैल और हैंडपंप की सूची भिजवाने के निर्देश दिए। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुदर्शन सेठी ने अभियान के द्वितीय चरण में निर्धारित समय सीमा का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। महात्मा गांधी नरेगा के आयुक्त रोहित कुमार ने मनरेगा क्षेत्र में अभियान के द्वितीय चरण में गाँवों का चयन करने के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए जहाँ जल संरक्षण कार्य आगामी वर्ष 30 जून तक पूरे किये जा सके। पंचायत राज सचिव आनन्द कुमार ने कहा कि गत वर्ष स्वच्छ भारत अभियान में प्रदेश पूरे देश में प्रथम रहा था और सभी को प्रयास करना है कि इस वर्ष भी अभियान में प्रदेश प्रथम रहे। इस अवसर पर भू संरक्षण एवं जल ग्रहण विभाग के आयुक्त अनुराग भारद्वाज ने प्रचार प्रसार गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि अभियान के द्वितीय चरण में जन जागरण के लिए जल स्वावलम्बन रथ के साथ ही नुक्कड. नाटक तथा रेेलियां आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त से 20 सितम्बर तक सभी चयनित जल संरक्षण कार्यो की विस्तृत कार्य योजना बना दी जाएगी तथा 2 अक्टूबर को ग्राम सभा में स्वीकृति के पश्चात 16 नवंबर से कार्य आरंभ होंगे। वीडियो कोन्फ्रेंसिंग में राजस्थान नदी बेसिन एवं जल संसाधन योजना प्राधिकरण के आयुक्त एम.एस.काला ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

डिस्कॉम के अधिशाषी अभियंता होंगे

सर्तकता जांच एवं बकाया वसूली के जिम्मेदार


बाड़मेर, 14 जुलाई। विद्युत वितरण निगमों में वित्तीय हानि कम करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अधिशाषी अभियन्ताओं को अधिक प्रभावशाली बनाया गया है। राज्य सरकार के सभी तकनीकी विभागों में अधिशाषी अभियन्ता ही खण्ड स्तर तक के सभी कार्याें के लिए जिम्मेदारी सौंपी है इसके आधार पर विद्युत वितरण निगमों में भी इन अभियन्ताओं को अधिक दायित्व सौपे गये है।

राजस्थान राज्य विद्युत वितरण प्रबन्धन उत्तरदायित्व कानून में वित्तीय हानि हर साल कम करने का प्रावधान पहले से ही किया हुआ है और अब उदय योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकार के साथ हुए एमओयू में भी तय कर दिया गया है कि तीनों विद्युत वितरण निगमों में वित्तीय हानि 15 प्रतिशत पर लाई जाएगी। इन दोनों के प्रावधान लागू होने के बाद यह आवश्यक हो गया है कि वित्तीय हानि कम करने के लिए अधिशाषी अभियन्ताओं को सीधे तौर पर जिम्मेदार बनाया जाए। विद्युत वितरण निगमों के अध्यक्ष श्रीमत पाण्डेय ने बताया कि राज्य के सभी नगर पालिका क्षेत्रों में छीजत 15 प्रतिशत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है इसके साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत हानि का स्तर 2 प्रतिशत लाने के लिए वित्तीय हानि कम करने के प्रभावी कदम उठाना आवश्यक हो गया है और इस कार्य में सभी अधिशाषी अभियन्ताओं को अपने क्षेत्र में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये गए हैं। डिस्कॉम अध्यक्ष ने बताया कि अधिशाषी अभियन्ता का यह प्रमुख दायित्व होगा कि वह निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में सघन सर्तकता अभियान चलाए और यथासंभव तकनीकी सुधार के कदम उठाए। अधिशाषी अभियन्ता शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में वितरण ट्रांसफार्मर और फीडर वार एनर्जी ऑडिट के कार्य के लिए भी जिम्मेदार होंगे। विद्युत वितरण निगम प्रशासन ने अधिशाषी अभियन्ता ओएण्डएम का पदनाम बदल कर अब अधिशाषी अभियन्ता ओएण्डवी कर दिया है उनका यह दायित्व होगा कि वे अपने क्षेत्र में महीने में एक बार सहायक अभियन्ता कार्यालय का निरीक्षण करेंगे और ब्लॉक आवर सप्लाई की व्यवस्था की निगरानी करेंगे। सभी अधिशाषी अभियन्ताओं को सब डिवीजन ऑफिस, जेईन और फीडर इंचार्ज के कार्य की निगरानी रखनी होगी। जिससे यह पता लग सके कि वे अपना कर्तव्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कर रहे है या नही। अधिशाषी अभियन्ता सब डिवीजन के अधिकारियों की और से भरी जाने वाली वीसीआर पर भी निगरानी रखेंगे। अधिशाषी अभियन्ता अपने क्षेत्र में 50 हजार से एक लाख रूपये तक की बकाया की वसूली के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। इस संबंध में जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि अधिशाषी अभियन्ता विजिलेंस एवं दुर्घटना से संबंधित मामलों की जांच के लिए उत्तरदायी होंगे। उन्हें महीने में एक बार कम से कम एक विद्युत चौपाल और फीडर मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में भाग लेना आवश्यक होगा। सभी अधिशाषी अभियन्ता डिवीजन स्तर की उपभोक्ता शिकायतों का निवारण फोरम आदि का कार्य यथावत करते रहेंगे।

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