करोड़ों के गबन के पैसे की अब तक नहीं हुई वसूली, सोशल ऑडिट के दौरान पकड़ में आए थे गबन के मामले
—भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों और अफसरों से गबन का पैसा वसूल नहीं कर पाया पंचायती राज विभाग
—सोशल ऑडिट में पकड़ा गया था करोड़ों का गबन
—सोशल ऑडिट में गबन पकड़े जाने के बाद करोड़ों रुपए की भ्रष्टों से रिकवरी करनी थी
—लेकिन रिकवरी में नाकाम रहा विभाग
—भ्रष्ट सरपंचों और कर्मचारियों से वसूली नहीं करने पर उठे सवाल
—पंचायतीराज मंत्री ने दिए जल्द वसूली के निर्देश
जयपुर | ग्रामीण विकास की योजनाओं की सोशल ऑडिट में पकड़े गए गबन-घोटालों पर कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध ली गई है। पंचायतीराज और ग्रामीण विकास विभाग भ्रष्ट सरपंचों और कर्मचारियों से अब तक गबन का पैसा नहीं वसूल पाया है। ग्रामीण विकास की योजनाओं की सोशल ऑडिट में बड़े पैमाने पर गबन के मामले सामने आए थे। करोड़ों गबन का पैसा सरपंचों और कर्मचारियों से वसूल करने की सिफारिश की गई थी, तीन साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद अब तक पूरा पैसा वसूल नहीं हो पाया है।
गबन का पैसा वसूल करने में पंचायतीराज और ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। पंचायतीराज मंत्री सुरेंद्र गोयल ने गबन का पैसा जल्द वसूलने के निर्देश दिए हैं, लेकिन इस तरह के निर्देश पिछले तीन साल में कई बार जारी हो चुके| फिर भी गबन का पैसा वसूल नहीं हो रहा। विकास के लिए दिए गए पैसे की ग्राउंड पर जिस कदर बंदरबांट सोशल ऑडिट में सामने आई थी| कायदे से तो उसकी तत्काल वसूली होनी थी, लेकिन करोड़ों रुपया अब तक वापस सरकारी खजाने में नहीं आया है।
—भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों और अफसरों से गबन का पैसा वसूल नहीं कर पाया पंचायती राज विभाग
—सोशल ऑडिट में पकड़ा गया था करोड़ों का गबन
—सोशल ऑडिट में गबन पकड़े जाने के बाद करोड़ों रुपए की भ्रष्टों से रिकवरी करनी थी
—लेकिन रिकवरी में नाकाम रहा विभाग
—भ्रष्ट सरपंचों और कर्मचारियों से वसूली नहीं करने पर उठे सवाल
—पंचायतीराज मंत्री ने दिए जल्द वसूली के निर्देश
जयपुर | ग्रामीण विकास की योजनाओं की सोशल ऑडिट में पकड़े गए गबन-घोटालों पर कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध ली गई है। पंचायतीराज और ग्रामीण विकास विभाग भ्रष्ट सरपंचों और कर्मचारियों से अब तक गबन का पैसा नहीं वसूल पाया है। ग्रामीण विकास की योजनाओं की सोशल ऑडिट में बड़े पैमाने पर गबन के मामले सामने आए थे। करोड़ों गबन का पैसा सरपंचों और कर्मचारियों से वसूल करने की सिफारिश की गई थी, तीन साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद अब तक पूरा पैसा वसूल नहीं हो पाया है।
गबन का पैसा वसूल करने में पंचायतीराज और ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। पंचायतीराज मंत्री सुरेंद्र गोयल ने गबन का पैसा जल्द वसूलने के निर्देश दिए हैं, लेकिन इस तरह के निर्देश पिछले तीन साल में कई बार जारी हो चुके| फिर भी गबन का पैसा वसूल नहीं हो रहा। विकास के लिए दिए गए पैसे की ग्राउंड पर जिस कदर बंदरबांट सोशल ऑडिट में सामने आई थी| कायदे से तो उसकी तत्काल वसूली होनी थी, लेकिन करोड़ों रुपया अब तक वापस सरकारी खजाने में नहीं आया है।
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