आनंदपाल करना चाहता है सरेंडर, लेकिन सरकार चाहती है एनकाउंटर
जयपुर । आनंदपाल सिंह और अनुराधा चौधरी की ओर से उनके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि आनंदपाल समाज की मुख्य धारा में जुडने के लिए सरेंडर करना चाहता है| लेकिन सरकार और पुलिस अधिकारी उसका एनकाउंटर करना चाहते हैं ताकि उन्हें रिवार्ड और पुरस्कार मिल सके। पत्र में कहा गया है कि पुलिस और न्यायपालिका के पूर्वाग्रह व राजनीतिक तथा जातिगत आधार पर आनंदपाल के सभी प्रकरणों की सुनवाई एक साथ नहीं की जा रही है।
अनुराधा को भी पेशी के दौरान जेल की गाड़ी में ही रखा जाता है। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि दोनों के खिलाफ राजनीतिक दवाब के चलते ही फर्जी मुकदमें दर्ज कराए गए हैं और पुलिस के उच्चाधिकारियों को कई बार ऑनलाइन शिकायत भेजी गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पत्र में कहा गया कि आनंदपाल व उसके परिवार को राजू ठेठ गैंग से जान का खतरा है। पूर्व में बलबीर ने भी अपनी हत्या से सात माह पूर्व अपनी जान का खतरा बताया था, लेकिन उसकी नहीं सुनी गई। प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए। इसके अलावा उसे उचित सुरक्षा देते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
जयपुर । आनंदपाल सिंह और अनुराधा चौधरी की ओर से उनके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि आनंदपाल समाज की मुख्य धारा में जुडने के लिए सरेंडर करना चाहता है| लेकिन सरकार और पुलिस अधिकारी उसका एनकाउंटर करना चाहते हैं ताकि उन्हें रिवार्ड और पुरस्कार मिल सके। पत्र में कहा गया है कि पुलिस और न्यायपालिका के पूर्वाग्रह व राजनीतिक तथा जातिगत आधार पर आनंदपाल के सभी प्रकरणों की सुनवाई एक साथ नहीं की जा रही है।
अनुराधा को भी पेशी के दौरान जेल की गाड़ी में ही रखा जाता है। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि दोनों के खिलाफ राजनीतिक दवाब के चलते ही फर्जी मुकदमें दर्ज कराए गए हैं और पुलिस के उच्चाधिकारियों को कई बार ऑनलाइन शिकायत भेजी गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पत्र में कहा गया कि आनंदपाल व उसके परिवार को राजू ठेठ गैंग से जान का खतरा है। पूर्व में बलबीर ने भी अपनी हत्या से सात माह पूर्व अपनी जान का खतरा बताया था, लेकिन उसकी नहीं सुनी गई। प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए। इसके अलावा उसे उचित सुरक्षा देते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
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