सोमवार, 20 जून 2016

आठ दिन पहले हुई थी शादी: प्रेमी संग रहना चाहती है लड़की, थाने जाकर क्या कहा

आठ दिन पहले हुई थी शादी: प्रेमी संग रहना चाहती है लड़की, थाने जाकर क्या कहा
थाने पहुंचा प्रेमी जोड़ा।

बिलासपुर(छत्तीसगढ़).रतनपुर थाने पहुंचे प्रेमी जोड़ की बात सुनकर वहां के पुलिसकर्मी और टीआई भी हैरान रह गए। दरअसल उस युवती की शादी एक हफ्ते पहले ही हुई है और अब वह अपने प्रेमी के साथ शादी करवाने की बात कह रही थी। उसका कहना था कि उसकी शादी जबर्जस्ती कराई गई, जबकि वह साथ आए लड़के से प्यार करती है। ससुराल में केवल 8 घंटे ही रही...

प्लीज, हमारी शादी करवा दो साहब

- लोरमी क्षेत्र की युवती ने अपने प्रेमी के साथ थाने पहुंचकर कहा कि मेरे मां-बाप ने मेरी मर्जी के खिलाफ दूसरे लड़के से शादी करा दी थी, जबकि मैं सुनील से प्यार करती हूं और उसी से साथ शादी कर रहना चाहती हूं।

- युवती ने मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि प्लीज हमारी शादी करवा दो। साहब हमारी मदद करो। हम दोनों बालिग हैं, हमें हक है कि अपनी जिंदगी का फैसला लें।

- यह बात सुनकर टीआई हैरान रह गए। उन्हें नहीं सूझा कि क्या करें।

ससुराल में वह केवल 8 घंटे ही रही

- थाने पहुंची युवती लोरमी क्षेत्र के ग्राम सुरही की रहने वाली है। वह महामाई खुड़िया निवासी सुनील यादव से प्यार करती है।

- युवती की शादी आठ दिन पहले ही हुई थी और ससुराल से लौटने के बाद अपने प्रेमी के साथ भाग निकली थी।

- उसके माता पिता ने दबाव बनाकर उसकी शादी इसी साल अक्ती के दिन ग्राम बतौरा में कर दी थी।

- शादी के बाद ससुराल में वह केवल 8 घंटे ही रही। दूसरे दिन चौथिया की रस्म हुई और परिजन उसे घर ले आए। वह मायके में थी।

- आठ दिन बाद वह अपने प्रेमी सुनील के साथ घर से निकली। इस बीच दाेनों बिलासपुर में रहे फिर यहां से रतनपुर चले गए।

गुमशुदगी दर्ज है दोनों के खिलाफ

- प्रेमी जोड़े के घर से भागने के बाद दोनों के परिजनों ने लोरमी थाना क्षेत्र के खुड़िया चौकी में इनकी गुमशुदगी दर्ज कराई है।

- शुक्रवार को दोनों थाने पहुंचे और कहानी सुनाई। पुलिस लोरमी थाने से कॉन्टेक्ट कर दोनों के बारे में और जानकारी जुटा रही है।

गौने की तैयारी से डरी

- सविता के मुताबिक घरवालों ने रथयात्रा के दिन उसकी विदाई तय कर दी थी। इस बात की जानकारी उसने ही सुनील को दी फिर दोनों ने भागकर शादी करने का फैसला कर लिया।

- दोनों घर से भाग निकले और इधर-उधर भटकते रहे। क्या करें क्या न करें समझ में नहीं आ रही थी। हिम्मत कर दोनों थाने चले आए।

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