27 साल से फर्जी दस्तावेज से एएनएम की नौकरी
बाड़मेर.चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में एक महिला स्वास्थ्यकर्मी ने कूटरचित शैक्षणिक दस्तावेज के जरिए 27 वर्ष से अधिक की नौकरी पूरी कर ली है। शिकायत के बाद इस मामले में न्यायालय ने प्रसंज्ञान लेते हुए महिला स्वास्थ्यकर्मी सहित तीन जनों को दोषी मानते हुए गिरफ्तारी वारंट निकाले, लेकिन इसके एक वर्ष बाद भी प्रशासन व चिकित्सा विभाग ने इस मामले में कार्रवाई को लेकर आंखें मूंद रखी है।
1988 में मिली नौकरी
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सरणु में पद स्थापित एवं हाल में बाड़मेर के राजकीय जिला चिकित्सालय में कार्यरत महिला स्वास्थ्यकर्मी आरती पत्नी हनुमानदास माहेश्वरी निवासी नेहरू नगर बाड़मेर ने स्वयं को कक्षा 6 से 8 तक राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोरीमन्ना, जो कि वर्तमान में राउमावि धोरीमन्ना के रुप में क्रमोन्नत है, में नियमित विद्यार्थी के तौर पर आठवीं कक्षा पास करना बताया।
आरोप है कि उसने इसी विद्यालय से वर्ष 1978-79 में अपनी आठवीं की फर्जी व डुप्लीकेट टीसी व अन्य प्रमाण पत्र प्राप्त कर उसके आधार पर महिला स्वास्थ्य कर्मी का प्रशिक्षण प्राप्त किया और 29 सितम्बर 1988 को नियुक्ति प्राप्त कर ली। आरोप है कि आरती ने अपने पति हनुमानदास व जेठ ओमप्रकाश के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से छलपूर्वक तत्कालीन विद्यालय स्टाफ एवं प्रधानाध्यापक से सांठ गांठ कर कुमारी आरती के लिए फर्जी टीसी व अन्य प्रमाण पत्र बनवाए।
एक ही क्रमांक पर दो टीसी
सूचना के अधिकार, संस्था प्रधान से प्राप्त सूचनाओं एवं पुलिस व शिक्षा विभाग की जांच के अनुसार राउमावि धोरीमन्ना में आरती पुत्री जेरामदास का नाम बताए गए वर्षों में कक्षा 6 से 8 तक के उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज नहीं है। कुमारी आरती का इस विद्यालय में प्रवेश लेने का प्रवेश फार्म भी उपलब्ध नहीं है। विद्यालय के शाला प्रवेशांक रजिस्टर में एस आर संख्या 1448 पर आरती के नाम से टीसी जारी करना बताया गया है तथा एस आर संख्या 1448 ए पर सुजानाराम का नाम बताया गया है। जबकि एस आर क्रमांक पर एक ही विद्यार्थी अध्ययन करता है, एस आर रजिस्टर में क्रमांक का उप क्रमांक नहीं होता है।
लेब तकनीशियन जेठ ने किया कारनामा
इस मामले में थानाधिकारी धोरीमन्ना की जांच में सामने आया कि टीसी क्रमांक 1447 व 1448 के बीच एक अन्य टीसी को चिपकाकर टीसी क्रमांक 1448 व 1448 ए अंकित किया गया है। इसे आरती के जेठ ओमप्रकाश जो उस वक्त उसी विद्यालय में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत था ने अंजाम दिया।
न्यायालय ने लिया प्रसंज्ञान
परिवादी जेताराम पुत्र बालाराम निवासी धन्ने का तला शिवकर की ओर से सिविल न्यायाधिश व एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट बाड़मेर में दर्ज प्रकरण में सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए टीसी व प्रमाण पत्रों, राउमावि धोरीमन्ना की तरफ से जारी प्रमाण पत्र व पुलिस थाना धोरीमन्ना की ओर से की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने प्रथम दृष्टया आरती व उसके पति हनुमानराम व जेठ ओमप्रकाश के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत 12 मई 2015 को प्रसंज्ञान लिया। जबकि इसके एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद प्रशासन व चिकित्सा विभाग ने आरोपी महिला स्वास्थ्य कर्मी के निलम्बन की कार्रवाई नहीं की है।
तीनों के विरुद्ध होगा मामला दर्ज
यह मामला मेरे समक्ष आया था। मैंने विभाग के विधि विशेषज्ञों से इसके लिए मार्गदर्शन मांगा था। मैं जल्दी ही पुलिस थाना धोरीमन्ना में महिला स्वास्थ्यकर्मी सहित तीनों के विरुद्ध मामला दर्ज करवा कर आगे की कार्रवाई करूंगा।
डॉ. एस. के. एस. बिस्ट
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर
बाड़मेर.चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में एक महिला स्वास्थ्यकर्मी ने कूटरचित शैक्षणिक दस्तावेज के जरिए 27 वर्ष से अधिक की नौकरी पूरी कर ली है। शिकायत के बाद इस मामले में न्यायालय ने प्रसंज्ञान लेते हुए महिला स्वास्थ्यकर्मी सहित तीन जनों को दोषी मानते हुए गिरफ्तारी वारंट निकाले, लेकिन इसके एक वर्ष बाद भी प्रशासन व चिकित्सा विभाग ने इस मामले में कार्रवाई को लेकर आंखें मूंद रखी है।
1988 में मिली नौकरी
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सरणु में पद स्थापित एवं हाल में बाड़मेर के राजकीय जिला चिकित्सालय में कार्यरत महिला स्वास्थ्यकर्मी आरती पत्नी हनुमानदास माहेश्वरी निवासी नेहरू नगर बाड़मेर ने स्वयं को कक्षा 6 से 8 तक राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोरीमन्ना, जो कि वर्तमान में राउमावि धोरीमन्ना के रुप में क्रमोन्नत है, में नियमित विद्यार्थी के तौर पर आठवीं कक्षा पास करना बताया।
आरोप है कि उसने इसी विद्यालय से वर्ष 1978-79 में अपनी आठवीं की फर्जी व डुप्लीकेट टीसी व अन्य प्रमाण पत्र प्राप्त कर उसके आधार पर महिला स्वास्थ्य कर्मी का प्रशिक्षण प्राप्त किया और 29 सितम्बर 1988 को नियुक्ति प्राप्त कर ली। आरोप है कि आरती ने अपने पति हनुमानदास व जेठ ओमप्रकाश के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से छलपूर्वक तत्कालीन विद्यालय स्टाफ एवं प्रधानाध्यापक से सांठ गांठ कर कुमारी आरती के लिए फर्जी टीसी व अन्य प्रमाण पत्र बनवाए।
एक ही क्रमांक पर दो टीसी
सूचना के अधिकार, संस्था प्रधान से प्राप्त सूचनाओं एवं पुलिस व शिक्षा विभाग की जांच के अनुसार राउमावि धोरीमन्ना में आरती पुत्री जेरामदास का नाम बताए गए वर्षों में कक्षा 6 से 8 तक के उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज नहीं है। कुमारी आरती का इस विद्यालय में प्रवेश लेने का प्रवेश फार्म भी उपलब्ध नहीं है। विद्यालय के शाला प्रवेशांक रजिस्टर में एस आर संख्या 1448 पर आरती के नाम से टीसी जारी करना बताया गया है तथा एस आर संख्या 1448 ए पर सुजानाराम का नाम बताया गया है। जबकि एस आर क्रमांक पर एक ही विद्यार्थी अध्ययन करता है, एस आर रजिस्टर में क्रमांक का उप क्रमांक नहीं होता है।
लेब तकनीशियन जेठ ने किया कारनामा
इस मामले में थानाधिकारी धोरीमन्ना की जांच में सामने आया कि टीसी क्रमांक 1447 व 1448 के बीच एक अन्य टीसी को चिपकाकर टीसी क्रमांक 1448 व 1448 ए अंकित किया गया है। इसे आरती के जेठ ओमप्रकाश जो उस वक्त उसी विद्यालय में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत था ने अंजाम दिया।
न्यायालय ने लिया प्रसंज्ञान
परिवादी जेताराम पुत्र बालाराम निवासी धन्ने का तला शिवकर की ओर से सिविल न्यायाधिश व एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट बाड़मेर में दर्ज प्रकरण में सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए टीसी व प्रमाण पत्रों, राउमावि धोरीमन्ना की तरफ से जारी प्रमाण पत्र व पुलिस थाना धोरीमन्ना की ओर से की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने प्रथम दृष्टया आरती व उसके पति हनुमानराम व जेठ ओमप्रकाश के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत 12 मई 2015 को प्रसंज्ञान लिया। जबकि इसके एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद प्रशासन व चिकित्सा विभाग ने आरोपी महिला स्वास्थ्य कर्मी के निलम्बन की कार्रवाई नहीं की है।
तीनों के विरुद्ध होगा मामला दर्ज
यह मामला मेरे समक्ष आया था। मैंने विभाग के विधि विशेषज्ञों से इसके लिए मार्गदर्शन मांगा था। मैं जल्दी ही पुलिस थाना धोरीमन्ना में महिला स्वास्थ्यकर्मी सहित तीनों के विरुद्ध मामला दर्ज करवा कर आगे की कार्रवाई करूंगा।
डॉ. एस. के. एस. बिस्ट
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर
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