जैसलमेर राजस्व लोक अदालत ’’ न्याय आपके द्वार- 2016 ’’ के तहत
छतीस साल बाद मिला खातेदारी का अधिकार
राज्य सरकार के निर्देषानुसार राजस्व लोक अदालत ’’ न्याय आपके द्वार -2016 ’’ के अन्तर्गत आयोजित किए जा रहे राजस्व षिविरों की कड़ी में मरुस्थलीय जैसलमेर जिले के ग्रामपंचायत देवड़ा में हाल ही में आयोजित हुए षिविर में राणाराम वल्द लालाराम के वारिषान सदा ,रेती ,अन्तरी ,मूली और जमणी पुत्रीयान राणाराम के नाम तो वरदान साबित हुआ।
विगत वर्ष 1980 में राणाराम के स्वर्गवास हो जाने के बाद उसके गोद पुत्र रायधनराम के नाम ग्राम देवड़ा में स्थित खातेदारी भूमि 409. 18 बीघा दर्ज हो गई परन्तु राणाराम की पांचों पुत्रियां खातेदारी से वंचित रह गयी। षिविर की जनकारी होने पर सदा पुत्री राणाराम जाति मेघवाल द्वार अपील न्यायालय उपखण्ड अधिकारी कार्यालय फतेहगढ़ में अन्तर्गत धारा 175 रा.भू.रा.. अधिनियम के तहत 5/2014 पेष की गई। इस दरमियान राणाराम का गोद पुत्र रायधनराम फोत हो गया और उसके वारिषान का नाम राजस्व रिकार्ड तें दर्ज हो गया।
गौरतलब हैं कि राणाराम की पुत्री रेती का भी अंतकाल हो गया लेकिन उनका नाम खातेदारी में दर्ज नहीं हो पाया। आज बुधवार को आयोजित षिविर के दौरान यह प्रकरण पेष होने पर उपखण्ड अधिकारी फतेहगढ द्वारा ग्रामपंचायत के उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र मजमे-आम में जानकारी बाद व तहसीलदार फतेहगढ़ की रिपोर्ट के आधार पर अपील स्वीकार कर स्व.राणाराम के गोद पुत्र साथ-उसकी जाईन्दा पांचों पुत्रियों के नाम खातेदारी में जोड़ने के आदेष पारित किए गए। इस एतिहासिक निर्णय से राणाराम की पांचों पुत्रियों को असली खातेदारी अधिकार प्राप्त हुए एवं षिविर में मौजूद ग्रामीणजनों ने इस नीतिगत निर्णय मुक्तकंठों से भूरी-भूरी सराहना की। इस प्रकार न्याय आपके द्वार लोक अदालत षिविर इनके लिए काफी लाभदायी रहा।
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