सोमवार, 9 मई 2016

बांसवाड़ा.एक माह बाद था तहसीलदार का रिटायरमेंट लेकिन पटवारी के साथ रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार


बांसवाड़ा.एक माह बाद था तहसीलदार का रिटायरमेंट लेकिन पटवारी के साथ रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

एक माह बाद था तहसीलदार का रिटायरमेंट लेकिन पटवारी के साथ रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
रिटयरमेंट के महज एक माह पहले तहसीलदार को रिश्वत लेने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया। अलवर जिले के बानूसर निवासी तहसीलदार भोगी लाल भारद्वाज अगले माह 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाला था। भारद्वाज को गांगड़तलाई में अटैचमेंट पर लगाया गया था। वहीं, रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किए गए पटवारी शेरसिंह मीणा की सोमवार को विदाई पार्टी थी। मीणा का स्थानांतरण होने की वजह से उसकी विदाई पार्टी चल रही थी, लेकिन इसी दरम्यान आरोपितों को एसीबी ने दबोच लिया।



भूमि रूपांतरण के एवज में 34 हजार बतौर रिश्वत मांगने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर की टीम ने सोमवार को गांगड़तलाई के तहसीलदार एवं पटवारी को 12 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इनमें पटवारी के जेब से पांच सौ रुपए तथा तहसीलदार के जेब से साढ़े ग्यारह हजार रुपए बरामद हुए। गिरफ्तारी के साथ ही आरोपित तहसीलदार के गढ़ी क्षेत्र के सेमलिया गांव में डूंगरपुर एसीबी की टीम की ओर से छापेमारी की गई। जो देर शाम तक चलती रही।


इसलिए मांगी रिश्वत


ब्यूरो के एएसपी बृजेश सोनी ने बताया कि चार मई 2016 को गांगड़तलाई तहसील के रोहनवाड़ी निवासी दिलीप कुमार पुत्र भूरालाल कलाल ने ब्यूरो के उदयपुर कार्यालय में उपस्थित होकर एक लिखिल शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया कि रोहनवाड़ी गांव में उसकी कृषि भूमि है जो आेबला निवासी लालङ्क्षसह पुत्र पूंजा पारगी के नाम पर खसरा नंबर 464 क्षेत्रफल 0.10 हैक्टेयर है उसका रुपांतरण कराने के लिए आरोपित पटवारी शेरसिंह रिश्वत की मांग कर रहा है।


आरोपित ने इस कार्य के लिए 34 हजार रुपए बतौर रिश्वत मांग की है। इसमें चार हजार रुपए पेशगी के तौर पर देना बताया तथा इसके बाद चार हजार रुपए दूसरी बार देने की शिकायत दर्ज करवाई।


यूं दिया कार्रवाई को अंजाम


इस शिकायत के बाद एसीबी ने सात मई को सत्यापन करवाया। इसमें दिलीप ने पटवारी से निवेदन किया तो अंतिम किश्त के रूप में 12 हजार रुपए तहसीलदार को देने की बात स्पष्ट हो गई। इसके बाद 9 मई सोमवार को दिलीप की आरोपित शेरसिंह ने सुबह आठ बजे बात हुई। तब पटवारी ने दिलीप को अपने कमरे पर गांगड़तलाई बुलाया, लेकिन किसी कार्य की वजह से दिलीप नहीं पहुंच सका।


इसके बाद ग्यारह बजे के आस-पास बात दोनों की हुई तो आरोपित पटवारी ने दिलीप को तहसील कार्यालय में ही बुला लिया। साथ ही कहा कि विदाई के दौरान ही काम करवाने की बात कही। इस पर करीब डेढ़ बजे के आस-पास दिलीप तहसील कार्यालय पहुंचा। इसके साथ ब्यूरो की टीम के निरीक्षक हरीशचंद्र सिंह, राजकुमार सिंह, गणेश लबाना, जितेन्द्र कुमार, करण सिंह सहित अन्य भी वहां पहुंच गए।


परिवादी दिलीप ने जैसे ही आरोपी शेरसिंह को 12 हजार रुपए दिए। ठीक उसी समय इशारा पाकर ब्यूरो की टीम भी मौके पर पहुंच गई और आरोपित को भूमि रूपांतरण की पत्रावलियों के साथ दबोच लिया।


तहसीलदार तक पहुंचाई रिश्वत


ब्यूरो ने जैसे ही पटवारी शेरसिंह को गिरफ्तार किया और उसकी तलाशी ली तो उसके जेब से मात्र पांच सौ रुपए ही मिले। इसके बाद पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह साढ़े ग्यारह हजार रुपए पीछे के रास्ते से जाकर तहसीलदार भोगी लाल को दे आया है। इस पर ब्यूरो की टीम तहसीलदार के कक्ष में पहुंची और उसकी तलाशी ली तो रिश्वत राशी साढ़े ग्यारह हजार रुपए उसकी जेब से बरामद हुए।


तहसीलदार के निर्देशन में होनी थी कार्रवाई


ब्यूरो की टीम पहले तो तहसीलदार के निर्देशन में ही कार्रवाई करना चाहती थी, लेकिन अंत समय में पास पलटने की वजह से तहसीलदार भी रिश्वत के मामले में हत्थे चढ़ गया। ब्यूरो के अनुसार पटवारी ने यह रिश्वत राशि तहसीलदार के नाम से मांगी थी, लेकिन इसमें से भी आरोपित ने पांच सौ रुपए रख लिए और साढ़े ग्यारह हजार रुपए तहसीलदार को देकर आया।


तीन जगह से उधार लेकर आया रिश्वत


परिवादी दिलीप ने बताया कि वह रिश्वत राशि देने के लिए तीन जगह से रुपए उधार लेकर आया था। इससे पहले भी कई बार मिन्नतें की गई, लेकिन आरोपित रिश्वत दिए गए कार्य नहीं करने पर अड़ा रहा। इसके बाद इसकी शिकायत की गई। ब्यूरों के अनुसार परिवादी ट्रैक्टर चलाता है।

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