बुधवार, 20 अप्रैल 2016

बाड़मेर,बाल विवाह की रोकथाम के लिए कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश

बाड़मेर,बाल विवाह की रोकथाम के लिए कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश
बाड़मेर, 20 अप्रेल। बाल विवाहों की रोकथाम के लिए जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षकों को समुचित कदम उठाने एवं सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के तहत कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
गृह विभाग की ओर से जारी पत्र मंे बताया कि अक्षय तृतीया (आखातीज) 9 मई एवं पीपल पूर्णिमा 21 मई पर होने वाले बाल विवाहों को रोकने के लिए समाज की मानसिकता एवं सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना जरूरी है। इन दौरान विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाहों के आयोजन की आशंका रहती है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए विभिन्न विभाग जैसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग के ग्राम स्तरीय कार्यकर्ताओं को सक्रिय रहने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही पटवारी, अध्यापिका इत्यादि को बाल विवाह होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने के लिए कहा गया है। सार्वजनिक स्थानों पर सूचना बॉक्स रखने एवं इसके लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा है। इसी तहत विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी हलवाई, पंडित, पाण्डाल एवं टेन्ट लगाने वाले लोगों को सहयोग नहीं करने के लिए एवं उन्हें कानून की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है। इसी तरह सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विद्यालयों के स्तर पर बव्च्चों को बाल विवाह के दुष्परिणामों एवं इससे संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी दें। ग्रामसभाओं में भी सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ चेतना बैठकों का आयोजन करने का भी सुझाव दिया गया है। प्रिंटिंग प्रेस वालों को भी कहा गया है कि वे विवाह हेतु छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर-वधू की जन्म तारीख प्रिंट करने पर बल देने के साथ ही वर-वधू के आयु के प्रमाण-पत्र अपने पास रखें। इसके अतिरिक्त में बाल विवाह की रोकथाम के लिए अक्षय तृतीया से पूर्व जिलों में जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक एवं उपखण्ड कार्यालयों में कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाये जो चौबीस घंटे क्रियाशील रहे। बाल विवाह के आयोजन किये जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 की (उपखण्ड मजिस्टेªट) की जवाबदेही निर्धारित करने एवं जिनके क्षेत्रों में बाल विवाह सम्पन्न होने की घटना होती है, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने को कहा गया है।

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