बुधवार, 27 अप्रैल 2016

बाड़मेर,राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणांे का निस्तारण करने के निर्देश



बाड़मेर,राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणांे का निस्तारण करने के निर्देश
बाड़मेर, 27 अप्रेल। जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने समस्त विभागीय अधिकारियांे को राजस्थान सम्पर्क समाधान पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों का निर्धारित समय पर निस्तारण कर वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए हैं।

जिला कलक्टर शर्मा ने बताया कि अधिकारियांे को दर्ज शिकायत का समय पर समाधान कर उससे सम्बन्धित फोटो, दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए है। निर्देशांे के अनुसार जिस मामले में नियमों में होने या बजट की कमी होने के कारण परिवादी को राहत नहीं दी जा सकती, ऐसे मामलांे मंे परिवादी से सम्पर्क कर उसे कारण बताकर सन्तुष्ट करने का प्रयास करे तथा पोर्टल पर भी इसे अपलोड करें।

राजस्व अधिकारियांे की बैठक 1 मई को

बाड़मेर, 27 अप्रेल। राजस्व अधिकारियांे की बैठक 1 मई को दोपहर 2 बजे कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे रखी गई है।

जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि इस बैठक मंे राजस्व अधिकारियांे को बैठक के एजेंडानुसार सूचना 29 अप्रेल तक भिजवाने तथा न्याय आपके द्वार अभियान की पूर्व तैयारी संबंधित सूचनाआंे के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है।

गर्मी एवं लू से पशुआंे को बचाने के लिए विशेष सावचेती बरतें

बाड़मेर, 27 अप्रेल। गर्मी एवं लू का प्रभाव तेज होने के कारण पशुओं में तापाघात, बुखार, डीहाईड्रेशन, दस्त एवं गर्भपात आदि तथा वातावरण के तापमान में उतार चढ़ाव के कारण पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने से विभिन्न संक्रामक रोग होने की आशंका है। प्राकृतिक परिवर्तनों के कुप्रभाव से पशुधन के बचाव स्वास्थ्य के रख-रखाव के लिए पशुपालक सावधानी बरतें।

पशुपालन विभाग संयुक्त निदेशक ने बताया कि पशुओं को प्रातः 9 से सांय 6 बजे तक छायादार स्थान यथा वृक्षों के नीचे या पश ुबाडा में रखा जाए। पशु बाडों में हवा का पर्याप्त प्रवाह हो तथा विचरण के लिए पर्याप्त स्थान की उपलब्धता हो। उनके मुताबिक अत्यधिक गर्मी की स्थिति में विशेषकर संकर प्रजाति के एवं उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाले पशुओं के बाडों के दरवाजों-खिडकियों पर पाल लगाकर दोपहर के समय पानी का छिडकाव करने से राहत मिलती है। भैंस वंशीय पशुओं को सांय के समय नहलाना तालाब में छोड़ना लाभादायक होता है। पशुओं को दिन में कम से कम दो बार ठण्डा, शुद्ध एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। सूखे चारे के साथ कुछ मात्रा हरे चारे की भी दी जानी चाहिए ताकि पशुओं में कब्जी अथवा अन्य पाचन संबंधित व्याधियां उत्पन्न नहीं हो। भारवाहक पशुओं को यथा संभव प्रातः एवं सांय काल में काम में लिया जावे तथा दोपहर के समय इन्हें आराम दिलाया जाए।

उन्हांेने बताया कि पशुओं में तापघात की स्थिति होने पर तत्काल उन्हें छायादार स्थान पर ले जाकर पूरे शरीर पर पानी डाला जाए, सिर पर ठण्डे पानी से भीगा कपड़ा बारी-बारी से रखा जाए तथा यथा शीघ्र नजदीकी पशु चिकित्सक से उपचार कराना चाहिए। पशु चारा खाना बन्द करे अथवा सुस्त बीमार दिखाई देवे तो बिना देरी किए निकटतम पशु चिकित्सक से सम्पर्क कर परामर्श एवं पर्याप्त उपचार प्राप्त करें।

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