बाड़मेर.! अमोनियम नाइट्रेट के चक्कर में फंसा भाजपा नेता
बाड़मेर.! बायतु थाना क्षेत्र के बायतु भोपजी गांव की सरहद में 25 जनवरी को बरामद अमोनियम नाइट्रेट के मामले ने बायतु की राजनीति व पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर धमाका कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि अमोनियम नाइट्रटे से भरे पंद्रह कट्टों के गायब होने का जवाब किसी के पास नहीं है। इन्हीं कट्टों के मामले में बायतु के भाजपा नेता कुम्भाराम धतरवाल पर अवैध वसूली का आरोप है। पुलिस ने धतरवाल को गिरफ्तार कर पुलिस रिमाण्ड पर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। अब तक हुई पूछताछ में न तो गायब कट्टों का रहस्य खुला है, न ही बायतु पुलिस की भूमिका को लेकर स्थिति स्पष्ट हुई है।
एसे बरामद हुए था अमोनियम नाइट्रेट
प्रकरण के मुताबिक 25 जनवरी को बायतु भोपजी गांव की सरहद में एक ट्रक रेत में फंस गया। इस ट्रक में अमोनियम नाइट्रेट के कट्टे भरे हुए थे। सूचना मिलने पर बायतु पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रक की तलाशी लेकर विस्फोटक बरामद किया। ट्रक चालक के पास 420 कैल्शियम कार्बोनेट के कट्टों की बिल्टी मिली, लेकिन ट्रक में 405 कट्टे अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ। पुलिस ने इस मामले में ट्रक चालक व एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के पास जवाब नहीं
सूत्रों ने बताया कि अमोनियम नाइट्रेट से भरे 15 कट्टे एक स्थान पर डम्प कर दिए गए थे, जिसे बाद में खुर्द-बुर्द कर लिया गया। इन कट्टों के खुर्द-बुर्द करने को लेकर पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है। इस संबंध में पूछने पर जांच अधिकारी केसर कंवर ने बताया कि पंद्रह कट्टे कहां गए, इसका उनके पास कोई जवाब नहीं है। सीजर के समय जो स्थिति थी, वह आज भी है। इस मामले का सीजर बायतु थानाधिकारी मनोज मूंढ़ ने किया था, जो अभी अवकाश पर हैं।
ट्रक मालिक को नहीं बनाया आरोपित
सूत्रों का दावा है कि पुलिस ने अमोनियम नाइट्रेट से भरा जो ट्रक बरामद किया, उसके मालिक को यह पता था कि ट्रक में अमोनियम नाइट्रेट है, लेकिन पुलिस ने अभी तक इस मामले में ट्रक मालिक को आरोपित नहीं बनाया है। पूरा मामला ट्रक चालक पर ही डाल दिया गया। सीडीआर लोकेशन के आधार पर मामले की जांच की जाए तो पुलिस की भूमिका पूरी तरह से उजागर हो सकती है।
भाजपा नेता पर फंसाने का आरोप
बायतु भोपजी निवासी रहींगाराम ने शिकायत की कि भाजपा नेता कुम्भाराम धतरवाल ने उसे अमोनियम नाइट्रेट के मामले में फंसाने की धमकी देकर अवैध वसूली की। उसका ट्रैक्टर व सोने का तिमणिया ले लिया गया। पुलिस ने इसी शिकायत के आधार पर कुम्भाराम को गिरफ्तार किया और ट्रैक्टर व तिमणिया बरामद किया। संभवत: कुम्भाराम 15 कट्टों के मामले में रहींगाराम को फंसाने की फिराक में था, लेकिन वह ट्रैक्टर व तिमणिया देकर बच गया। फिर भी यह सवाल अनुत्तरित है कि 15 कट्टे कहां गए? पुलिस इन 15 कट्टों को अब तक क्यों नहीं ढूंढ पाई है? कुम्भाराम के साथ किसकी मिलीभगत रही? अब पुलिस इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ रही है।
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