'कलक्टर सिर्फ भौंकता है, एसपी का काम है काटना'
श्रीगंगानगर। विवादित बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहने वाले जिला कलक्टर पीसी किशन फिर से अपने शब्दों पर संयम नहीं बरत सके। जनसुनवाई के दौरान बोल पड़े, 'कलक्टर का काम सिर्फ भौंकना है जबकि एसपी का काम काटना है।'
बाद में अपने शब्दों को सही ठहराते हुए तर्क दिया कि कलक्टर का काम प्रशासन की देखरेख करना है जबकि एसपी का काम कानून व्यवस्था के लिए सख्ती करना होता है। बवाल बढ़ा, तो देर शाम कलक्टर ने सफाई दी कि ओडिशा के होने की वजह से उनकी हिंदी कमजोर है। उनकी मंशा गलत शब्दों का इस्तेमाल करने की नहीं थी। उन्होंने माफी भी मांगी व भविष्य में अपने बर्ताव में सुधार की बात कही।
हालांकि कलक्टर के दुव्र्यवहार के विरोध में श्रीगंगानगर चैंबर ऑफ कॉमर्स समेत व्यापारिक संगठनों, राजनीतिक दलों, पार्षदों व किसानों ने शहर बंद की घोषणा की है।
बुधवार को उन्होंने अचानक अपने अंदाज में बदलाव करते हुए बंद कमरे की बजाय खुले में जनसुनवाई की।
सड़क से विधानसभा तक हंगामा
शहर में रोष के माहौल के बीच स्थानीय विधायक कामिनी जिंदल और रायसिंहनगर विधायक सोना देवी बावरी ने विधानसभा में कलक्टर की कथित टिप्पणी का मुद्दा उठाया। कामिनी ने कहा, श्रीगंगानगर में कलक्टर पीसी किशन मनमर्जी कर रहे हैं। उन्होंने बदसलूकी की सारी हदें पार कर दी हैं। जनप्रतिनिधि अपना अपमान तो सह सकते हैं लेकिन जनता का नहीं। क्या सरकार अब भी चुप बैठी तमाशा देखती रहेगी। अगर संवेदनशील हो तो दिखाओ भी। ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, जनता के समान का मुद्दा है और इस कलक्टर को तुरंत प्रभाव से वहां से हटाया जाए।
कलक्टर के बिगड़े बोल
10 मार्च - 'मैं भी जोर से चिल्ला सकता हूं, मैंने कईयों के दांत तोड़े हैं।'
—परेशान फरियादी के अर्जी फाडऩे पर बोले
12 मार्च- 'अखबार को कौन पूछता है। ये कचौरी, समोसे खाने के काम आते हैं। किसान हरकतें करेंगे तो मार ही खाएंगे।'
— मीडियाकर्मियों से कहा
14 मार्च - 'ज्यादा बक बक मत करो, ज्यादा बोले तो अंदर करा दूंगा।'
—किसानों को धमकी
शाम को मांगी माफी
मैं ओडिशा का हूं। हिंदी कमजोर है। भविष्य में अपने बर्ताव में सुधार करूंगा।
- पीसी किशन, जिला कलक्टर, श्रीगंगानगर।
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