गुरुवार, 17 मार्च 2016

पान खिलाकर करते हैं प्रेम का इजहार, लड़कियों को लेकर गायब हो जाते हैं युवा

पान खिलाकर करते हैं प्रेम का इजहार, लड़कियों को लेकर गायब हो जाते हैं युवा
भगोरिया मेले में सजी-धजी युवतियां।

झाबुआ/इंदौर.पान खिलाकर युवती से अपने प्रेम का इजहार करने वाला भगोरिया मेला झाबुआ अंचल में शुरू हो गया। इस दिन युवक युवतियां खुलेआम अपने प्रेम का इजहार करते हैं और शराब के नशे में मस्त होकर अपने जीवनसाथी के साथ मेले से गायब हो जाते हैं। कैसा होता है भगोरिया मेला...

-भगाेरिया की शुरुआत बुधवार को ढोल-मांदल की थाप व नाच-गाने के साथ हो गई।

 
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-युवक पेंट-शर्ट व आंखों पर काला चश्मा लगाकर मेले में आए जबकि युवतियों ने साड़ियां पहनकर जमकर डांस किया।

-युवतियों ने हाथों में टैटू भी गुदवाए।




मेले में ताड़ी की तरंग भी

-मेले में युवा ताड़ी की तरंग में कुर्राटी मारी और लगे हाथ युवतियों को पान खिलाकर युवतियों को रिझाने का प्रयास करते रहे।

-झूला-चकरी पर भी झूलने के लिए युवक-युवतियों की कतार लगी।

जगह-जगह लगा भगोरिया हाट

-झाबुआ से 10 किमी दूर ग्राम ढेकल में भी बुधवार को भगोरिया हाट लगा। पारंपरिक परिधानों में लकदक आदिवासी युवक-युवतियों ने झूले-चकरी का लुत्फ उठाया।

-सुबह से शाम तक गांव उत्साह की किलकारियों से गूंजता रहा।




गुजरात-राजस्थान की संस्कृति नजर आई

-मदरानी के भगोरिया हाट में गुजरात-राजस्थान की संस्कृति नजर आई।

-क्षेत्रीय विधायक कलसिंह भाबर, पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया ने अपने-अपने दलों के साथ भगोरिया मेले में आए और उन्हाेंने भी ढोल बजाए।

भगोरिया की मस्ती , दोपहर बाद जमा मांदल दलों का रंग

-सात दिनी भगोरिया पर्व के पहले दिन बुधवार को चांदपुर और बरझर में भगोरिया हाट भरा गया जिसमें ग्रामीणों ने जमकर मस्ती की।

-संस्कृति का उत्साह और उल्लास ग्रामीणों के चेहरे पर साफ नजर आया। किसी ने झूले-चकरी का आनंद लिया तो कोई गर्मी से सूखे कंठों को तर करने के लिए आईसक्रीम-बर्फ के गोले, शरबत, पान का लुत्फ उठाता रहा। भगोरिया हाट में ग्रामीण टोलियों के रूप में पहुंची।

-सुबह से ही टोलियों का आना शुरू हो गया था। धीरे-धीरे तादाद बढ़ती गई और भगोरिया स्थल पर मेला सा माहौल बन गया। मेले में युवक-युवती शृंगार कर पहुंचे थे।

पारंपरिक परिधान में आई युवतियां

-चांदपुर का भगोरिया बांसुरी दलों के लिए ख्यात है। बाजार में बांसुरी बजाकर झूमती युवकों की मदमस्त टोलियां आकर्षण का केंद्र रही।

-मेले में परंपरागत परिधान के अलावा आए युवक-युवतियां जींस, टी-शर्ट और चश्मा पहने हुए थे। हाथों में मोबाइल उनका हाईटेक रुझान दिखा रहा था।

-हाट में सीमावर्ती गुजरात से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे।

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