रविवार, 6 मार्च 2016

झालावाड़ मंगलनाथ की डूंगरी पर नरेगा के तहत वृक्षारोपण आरंभ



झालावाड़ मंगलनाथ की डूंगरी पर नरेगा के तहत वृक्षारोपण आरंभ
झालावाड़ 6 मार्च। जिला प्रमुख श्रीमती टीना कुमारी भील, विधायक खानपुर श्री नरेन्द्र नागर, जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी तथा संभागीय मुख्य वन संरक्षक इन्द्रराज सिंह द्वारा आज झालावाड़ जिला मुख्यालय के निकट स्थित मंगलनाथ की डूंगरी पर नरेगा के तहत वृक्षारोपण कार्य आरंभ हुआ।

इस अवसर पर इस अवसर पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए जिला प्रमुख श्रीमती टीना कुमारी भील ने कहा कि आज जिस कार्य की शुरूआत की जा रही है समय आने पर जब पौधे बड़े होगें तो यह क्षेत्र न केवल झालावाड़ और झालरापाटन शहरों के निवासियों के लिये अपितु दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों के लिये भी आकर्षण का केन्द्र बनेगा। खानपुर विघायक श्री नरेन्द्र नागर ने कहा कि मंगलनाथ की डूंगरी पर सघन वृक्षारोपण से पर्यावरण मंे सुधार होगा तथा वर्षा जल के तेज बहाव से कट कर जाने वाली मिट्टी की सुरक्षा होगी। नरेगा के तहत जो कार्य हाथ मंे लिये गये हैं उनसे यह क्षेत्र आने वाले समय मंे पर्यटन का मुख्य आकर्षण बन जायेगा। आरपीएससी के सदस्य श्री श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि इस कार्य के होने से मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का एक और विजन साकार होगा। मुख्यमंत्री की लम्बे समय से इच्छा रही है कि इस क्षेत्र को सुंदर, आकर्षक एवं पर्यटन केन्द्र के रूप मंे विकसित किया जाये। उन्होंने कहा कि मंगलनाथ जी महाराज इस क्षेत्र के प्रमुख संत हुए हैं जिन्होंने इस डूंगरी पर तथा पास के एक गांव मंे तपस्या की। झालावाड़ जिला मुख्यालय का एक पूरा मोहल्ला मंगलनाथ जी के नाम से विख्यात है।

जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि 42.72 लाख रुपये के कार्य नरेगा के तहत मंगलनाथ जी की डूंगरी पर स्वीकृत किये गये हैं। जिनसे हरित मंगलनाथ वाटिका का विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस पहाड़ी तक जल पहुंचाने के लिए लगभग 10 लाख रुपये की और आवश्यकता है जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जायेगा। संभागीय मुख्य वन संरक्षक इन्द्रराज सिंह ने कहा कि जंगलों के कटने से बेमौसम की बरसात, ओलावृष्टि, सूखा, मौसम परिवर्तन जैसी घटनाएं बढ़ती हैं। अतः जंगलों को कटने से बचाना तथा उनका क्षेत्रफल बढ़ाना बहुत जरूरी है। यदि जंगल नहीं बचाये गये तो मानव सभ्यता अचानक किसी बडे़ खतरे मंे फंस सकती है। उप वन संरक्षक सी.आर. मीणा ने कहा कि हरित मंगलनाथ वाटिका के विकास के लिये ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने वन विभाग के अन्तर्गत आने वाली इस पहाड़ी को गोद लिया है। वन विभाग इस कार्य मंे तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा।

इस अवसर पर झालरापाटन प्रधान श्रीमती भारती नागर, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र सिंह पुरोहित, उपखण्ड अधिकारी रामचरण शर्मा, तहसीलदार झालरापाटन श्रीमती अस्मिता सिंह, विकास अधिकारी रमेश चंद वर्मा एवं खानपुरिया तथा रलायता गांवों के निवासी बड़ी संख्या मंे उपस्थित थे।

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