सोमवार, 21 मार्च 2016

बाड़मेर होली के उपलक्ष में फागुनी फुहार काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजित कवियों ने गोष्ठी में बहाई रंगों की बौछार



बाड़मेर होली के उपलक्ष में फागुनी फुहार काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजित

कवियों ने गोष्ठी में बहाई रंगों की बौछार


बाड़मेर । 21.03.2016 । अन्तर प्रान्तीय कुमार साहित्य परिषद बाड़मेर की ओर से मंगलवार को होली के उपलक्ष में फागुनी फुहार काव्य गोष्ठी गांधी चैक स्थित पेंशनर समाज भवन में परिषद के अध्यक्ष डाॅ. बी. डी. तातेड़ के मुख्य आतिथ्य, एवं गजलकार सीताराम व्यास राहगीर की अध्यक्षता में आयोजित हुई ।

काव्य गोष्ठी के संयोजक मुकेश बोहरा ‘अमन’ ने बताया कि इस अवसर पर कवियों ने होली, फागुन, बसन्त और देषभक्ति सहित कई विषयों पर श्रृंगार, हास्य, शान्त व वीर रस की कविताएं प्रस्तुत की । गोष्ठी का आगाज तिलोकाराम मायला की रचना ‘आ रही है होली दुल्हन की तरह’ से हुआ । काव्य गोष्ठी में गोपाल कोडेचा ने वाह रे इंसान तेरी हद हो गई, गौतम संखलेचा चमन ने ‘सभी कवियों ने खेली होली’, हनुमान प्रजापत ने ‘होली री शुभकामना’, प्रताप 86 पागल ने होली पर अब रंगो का कारोबार होता है, कमल शर्मा राही ने ‘नेतागिरी की दुकान’, मुकेश बोहरा ‘अमन’ ने इस होली हम सबको साथी, उधमसिंह हो जाना है’, पवन संखलेचा नमन ने सबके मन में खुषियां छाई, गोरधनसिंह जहरीला ने रंग रंगोली होली मुबारक, डाॅ. बी.डी. तातेड़ ने रंगों की रंगोली है’ रचना प्रस्तुत कर खूब वाह वाही बटोरी । काव्य गोष्ठी के अध्यक्ष सीताराम व्यास राहगीर ने ‘हाथों में तकदीर लिये फिरता हूं, पेष करते हुए अध्यक्षीय उद्बोधन दिया और सभी कवियों व श्रोताओं को रंगों के त्यौहार होली की शंभकामनाएं दी । काव्य गोष्ठी का संचालन मुकेश बोहरा अमन ने किया ।

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