सैनिक और मिलट्री स्कूल में लड़कियों को प्रवेश नहीं देने पर जवाब-तलब
जयपुर हाईकोर्ट ने सैनिक और मिलट्री स्कूल में प्रवेश देने के मामले में लैगिंक आधार पर भेदभाव करने पर केंद्रीय मानव संसाधन सचिव,रक्षा सचिव और सेंटल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी सचिव से जवाब तलब किया है।
न्यायाधीश अजय रस्तौगी व न्यायाधीश जे.के.रांका ने यह अंतरिम आदेश माही यादव की जनहित याचिका पर दिए।
याचिका में कहा है कि सैनिक और मिलट्री स्कूल में लड़कियों को प्रवेश नहीं देना भेदभाव पूर्ण है। संविधान के अनुच्छेद 21 और शिक्षा का अधिकार कानून के तहत बच्चों को शिक्षा का मूलभूत अधिकार दिया गया है।
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत किसी बच्चे को दस्तावेज नहीं होने और प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के आधार पर प्रवेश से इनकार नहीं किया जा सकता। ना ही बच्चों की प्रवेश परीक्षा ली जा सकती है।
दिव्यांग बच्चों को भी मुख्यधारा के स्कूल में प्रवेश लेने की आजादी है। इसके बावजूद सैनिक व मिलट्री स्कूल में लिंग के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। अधिकांश नेता चुनाव के समय वोटों के लिए महिला उत्थान की बातें जरुर करते हैं लेकिन हकीकत में कुछ करते नहीं हैं।
संविधान के अनुच्छेद-15 के तहत धर्म,रेस,जाति,लिंग व जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता और अनुच्छेद-16 के तहत सरकारी नौकरियों में सभी को समान अवसर मिलना जरुरी है। इसके बावजूद सरकार सैनिक और मिलट्री स्कूल में लड़कियों को प्रवेश से इनकार करके स्वयं ही संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 8 सितंबर,2015 को सभी पैरामिलट्री फोर्स में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण करने की घोषणा की है। गुजरात में भी पुलिस भर्ती के लिए घोषणा हुई है तथा बिहार,तामिलनाडू व महाराष्ट्र में भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही आरक्षण बढ़ाया गया है। सरकार पंचायतों व स्थानीय निकायों में महिलाआें का आरक्षण बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक करने की घोषणा कर चुकी है और जल्दी ही संसद में इस संबंध में विधेयक पेश हो सकता है।
मात्र 2.04 प्रतिशत महिला ही हैं-
गृह मंत्रालय के अनुसार सभी पैरा मिलट्री फोर्स में महिलाएं मात्र 2.04 प्रतिशत ही हैं। जबकि सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सशस्त्र सीमा बल व आसाम राईफल्स का कुल संख्या बल 9 .8 लाख है। देशभर में कुल पुलिस 15.84 लाख है और इनमें महिलाएं मात्र 5.33 प्रतिशत के अनुसार 84 हजार 479 ही हैं। सरकार सशस्त्र बलों में तो महिलाओं को नियुक्ति दे रही है लेकिन सैनिक व मिलट्री स्कूल में लड़कियों को प्रवेश नहीं दे रही है।
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