श्रीगंगानगर। प्लास्टिक की बोतल से बनाया सपनों का घर
ऐसे आया आइडियाकिशोर को ये आइडिया पढ़ाई के दौरान मिला….जब स्कूल प्रोजेक्ट के दौरान उन्हें कम लागत और कम समय में वेस्ट चिजों से आमजन के लिए उपयोगी वस्तु के निर्माण के लिए कहां गया…. इस पर किशोर ने अपने दोस्त के साथ मिलकर प्लास्टिक बोतलों के उपयोग से घर बनाने का निर्णय लिया…..और उन्का यह प्रयोग सफल भी रहा….यहीं से किशोर ने गांव में भी घर बनाने की ठान ली…और जैसे ही घर आए…. बच्चों की मदद से प्लास्टिक की बोतलें जुटाई… उनमें रेतीली मिट्टी भरी…और कारीगरों की मदद से कमरे का निर्माण कर दिया….जिसे कारीगर काफी सुविधाजनक बता रहे है।
प्लास्टिक की बोतल से आशियानाअगर आप भी प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करके कचरे में फेंक रहे है… तो जरा रुकिए… क्योकिं ये बोतल आपका आशियाना बना सकती है…इससे पर्यावरण को तो नुकशान कम होगा ही…. साथ ही कम खर्चे में आशियाना बनाने की ये जुगाड़ तकनीक…. ऐसे लोगो के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी…. जिनके पास छत बनाने के लिए बजट नहीं होता है।
आपने मिट्टी, पत्थर और ईंटों से बने घर तो देखें होंगे . लेकिन कोई प्लास्टिक की बेकार बोतलों से घर बनाने की बात करे तो शायद आप इससे सहमत ना हो. लेकिन श्रीगंगानगर में दो छात्रों ने कारीगरों के साथ मिलकर यह संभव कर दिखाया है.जो बोतले मनुष्य के लिए अभिशाप बनी हुई है… वे लोगों के लिए आवास का जरिया बन सकती है।
-12 वीं के छात्रों का कमाल
-प्लास्टिक बोतलों से बनाया एसी रूम
-10 x 12 फीट का बनाया कमरा
-4 हजार बोतलों का किया इस्तेमाल
-गर्मी में कराएंगा ठंडक का अहसास
-आग और भूकंप से महफू है कमरा
श्रीगंगानगर। प्लास्टिक आज मानव जीवन के लिए अभिशाप बन गई है…..ये विषैला या हानिप्रद नहीं होता है लेकिन प्लास्टिक कचरा पर्यावरण के लिए हानिकारक है….साथ ही यह जल्दी से विघटित भी नहीं होती है….ऐसे में पॉलीथिन की थैलियां और प्लास्टिक की बोटलें आज मनुष्य के लिए सबसे बड़ी समस्या हैं…लेकिन श्रीगंगानगर के गांव 41 आरबी के किशोर जयदित्य सिंह ने अपने दोस्त के साथ मिलकर…..प्लोस्टिक की बोतलों से ऐसा कमरा बनाया है…जो एसी रूम से कम नहीं….
-12 वीं के छात्रों का कमाल
-प्लास्टिक बोतलों से बनाया एसी रूम
-10 x 12 फीट का बनाया कमरा
-4 हजार बोतलों का किया इस्तेमाल
-गर्मी में कराएंगा ठंडक का अहसास
-आग और भूकंप से महफू है कमरा
श्रीगंगानगर। प्लास्टिक आज मानव जीवन के लिए अभिशाप बन गई है…..ये विषैला या हानिप्रद नहीं होता है लेकिन प्लास्टिक कचरा पर्यावरण के लिए हानिकारक है….साथ ही यह जल्दी से विघटित भी नहीं होती है….ऐसे में पॉलीथिन की थैलियां और प्लास्टिक की बोटलें आज मनुष्य के लिए सबसे बड़ी समस्या हैं…लेकिन श्रीगंगानगर के गांव 41 आरबी के किशोर जयदित्य सिंह ने अपने दोस्त के साथ मिलकर…..प्लोस्टिक की बोतलों से ऐसा कमरा बनाया है…जो एसी रूम से कम नहीं….
ऐसे आया आइडियाकिशोर को ये आइडिया पढ़ाई के दौरान मिला….जब स्कूल प्रोजेक्ट के दौरान उन्हें कम लागत और कम समय में वेस्ट चिजों से आमजन के लिए उपयोगी वस्तु के निर्माण के लिए कहां गया…. इस पर किशोर ने अपने दोस्त के साथ मिलकर प्लास्टिक बोतलों के उपयोग से घर बनाने का निर्णय लिया…..और उन्का यह प्रयोग सफल भी रहा….यहीं से किशोर ने गांव में भी घर बनाने की ठान ली…और जैसे ही घर आए…. बच्चों की मदद से प्लास्टिक की बोतलें जुटाई… उनमें रेतीली मिट्टी भरी…और कारीगरों की मदद से कमरे का निर्माण कर दिया….जिसे कारीगर काफी सुविधाजनक बता रहे है।
प्लास्टिक की बोतल से आशियानाअगर आप भी प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करके कचरे में फेंक रहे है… तो जरा रुकिए… क्योकिं ये बोतल आपका आशियाना बना सकती है…इससे पर्यावरण को तो नुकशान कम होगा ही…. साथ ही कम खर्चे में आशियाना बनाने की ये जुगाड़ तकनीक…. ऐसे लोगो के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी…. जिनके पास छत बनाने के लिए बजट नहीं होता है।
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