रविवार, 20 मार्च 2016

इटावा।गाय के प्यार में इस कदर पागल हुआ मुस्लिम... बीवी हुई पराई




इटावा।गाय के प्यार में इस कदर पागल हुआ मुस्लिम... बीवी हुई पराई


उत्तर प्रदेश में गौ हत्या और बीफ के सेवन को लेकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले शरारती तत्वों को यह खबर नागवार गुजरेगी कि गायों से बेइंतहा प्यार करने वाले इटावा के एक मुस्लिम युवक ने गौ प्रेम में आडे आ रहे अपने परिजनों का भी परित्याग कर दिया। इटावा के आफक खान उर्फ मुन्ना की जिंदगी पूरी तरह से गायों के बीच ऐसी रम चुकी है कि अब उसको इस बेजुबान पशु के अलावा कुछ भी अच्छा नही लगता।

मूल रूप से कानपुर के अमरोहदा के रहने वाला मुन्ना इटावा शहर मे बाइस ख्बाजा के पास जंगली आशियाने मे अपना बसेरा बनाकर रहते है। मुन्ना ने गायों के लिये बाकयदा एक बाडा बनाया है जिसमें वह अपनी 14 गायों के साथ खुद भी वास करता है। उसके अनुसार ये गायें किसी मायने मे उसके बीबी- बच्चों से कम नही है।

गाय प्रेम को लेकर बीवी से टकरार

मुन्ना ने कहा कि करीब 15 साल पहले उसकी शादी इटावा के बकेवर की रहने वाली अफरोज जहां से हुई थी। करीब तीन साल साथ रहने के बाद बीबी उसको छोड करके चली गई क्योंकि उसे हमारा गाय प्रेम पंसद नहीं आया। गाय प्रेम को लेकर तकरार हुई और बीबी ने उसे छोड दिया। तब से मुन्ना जंगली माहौल मे गाय का प्रेमी बन गया है। मुन्ना के पास इस समय करीब चौदह गाय हैं जिनसे उसकी जिंदगी कट रही है।

बंद किया मांस का सेवन

मुस्लिम युवक का कहना है कि उसको गायों से इतना प्रेम है कि वो गायों के ही बीच सो जाया करता है। अपने गाय प्रेमी होने का सबूत वो इस बात से देने से नही चूकता कि बचपन मे भले ही उसने कभी मांस का सेवन किया हो लेकिन जब से उसने होश संभाला है तब से वो पूरी तरह से शाकाहारी ही है।

गाय को बेचना और काटना पसंद नहीं

मुन्ना ने कहा कि वो 13 साल की उम्र मे इटावा आया था तब से यही का होकर रह गया। बचपन से गायों को पालने को शौक रहा। पन्द्रह साल की उम्र से गाय पालन का काम शुरू कर दिया था। गायों की देखभाल करने के इरादे से मुन्ना सुबह तडके उठते हैं और गाय का गोबर उठाते है, चारा सानी करते है फिर दूध निकाल करके बेचते हैं जिससे गायों के चारे का बंदोबस्त तो हो ही जाता है उसके खाने पीने का भी इंतजात हो जाता है। उसने बताया कि गाय को बेचना और काटना उसको कतई पंसद नहीं है। वह कभी भी गाय या बछडा नहीं छोडते सिर्फ बडे होकर सांड होने पर उसको छोड देते हैं।

गाय को मारने वालों को देते हैं संदेश

मुन्ना बताता है कि उसके परिचित तमाम लोग और करीबी कहते हैं कि मुन्ना कहां गायों के चक्कर मे पड़ गए हो इनको छोड़ दो और परिवार को पालो तो ज्यादा बेहतर होगा । पूरी तरह से अशिक्षित मुन्ना गायों को कत्ल करने वालों को संदेश भी देता है कि गाय है तो घी और दूध है अगर इन्हे मारोगे तो दूध, दही और घी फिर कहां से पाओगे, यह तो ताकत देती है जिससे शरीर चुस्त और दुरूस्त रहता है।

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जानवारों से प्यार करने वाले सम्मान के पात्र

मुन्ना के गाय प्रेम को देखकर पर्यावरण प्रेमी डॉ. राजीव चौहान कहते है कि यह व्यक्तिगत भावनाएं हैं जो लोगों के अंदर होती है और वो जानवरों के प्रति प्रेम के तौर पर सामने आती हैं। गाय उनके लिए अनुकरूणीय है। वो गाय को पाल रहे है ऐसे मामलों को धार्मिक तौर पर नही देखा जाना चाहिए यह व्यक्तिगत मामला है। जिसको भी जानवर से प्रेम है वो सम्मान का पात्र है और उसको सामजिक तौर पर सम्मान मिलना भी चाहिए।

गाय को बनाया सम्मान का हकदार

इटावा के एडवोकेट मोहसिन अली का कहना है कि मुन्ना अली का गाय प्रेम बहुत ही प्रंशसनीय है और इसके लिये उनके शब्दकोष मे शब्द नहीं है जो अपने विचारों को अभिव्यक्ति भाव से प्रकट कर सके। उनका कहना है इस वक्त देश मे गाय को लेकर जो रस्साकसी चल रही है उससे देश मे तनाव पैदा हो रही है। उन्होने कहा कि मुन्ना शरीखे लोग गाय को ना केवल इज्जत देते है बल्कि गाय के जरिए सम्मान के हकदार भी बन रहे है। मुन्ना को राष्ट्रीय एकता और मानवीयता के लिए मिसाल के तौर पर देखे जाने चाहिए। इनका गाय प्रेम राष्ट्रीय एकता का संदेश बन पड़ा है।

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