बाड़मेर। पालीतणा सम्मलेन के लिए आज रवाना होगी 30 बसे
रिपोर्ट :- कपिल मालू / बाड़मेर
बाड़मेर। 10 मार्च से पालीतणा में प्रारम्भ होने वाले श्रावक-श्राविका सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाड़मेर से करीब 30 बसो में 1500 से अधिक श्रावक-श्राविकाएं 09 मार्च को दोपहर 12 बजे पालीतणा की ओर प्रस्थान करेंगे। पष्चिमि राजस्थान के प्रान्तीय संयोजक रतनलाल संखलेचना ने बताया कि पालीताणा में चल रहे 12 दिवसीय खरतरगच्छ महासम्मेलन में गणाधीश गुरूदेव मणिप्रभसागर म.सा.ने विनती स्वीकार करते हुए आचार्य पद ग्रहण करने की स्वीकृति प्रदान की। गणाधीश 12 मार्च को पालीतणा की धन्यधरा पर आचार्य पद ग्रहण करेंगे। खरतरगच्छ महासम्मेलन आयोजन समिति के संयोजक विजयराज डोसी एवं भंवरलाल छाजेड़ ने बताया 01 मार्च 09 मार्च तक साधु-साध्वी सम्मेलन व 10 मार्च से 12 मार्च तक श्रावक-श्राविका सम्मेलन आयोजित होगा। छाजेड़ ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य समाचारी की भिन्नताओं को समाप्त करना,पदो और उसकी व्यवस्थाओं का निर्धारण करना,साधु-साध्वी शिक्षा हेतु डिग्री पाठयक्रम तैयार करना,वृद्ध साधु साध्वीयों की वैयावच्च की सेवा,गच्छ के युवा समाज का जागरण,पाठशालाओं हेतु पाठयक्रम का निमार्ण करना,खरतरगच्छ सहस़्त्राब्दी के आयोजन की रूप रेखा तैयार करना,स्थानीय संघो का गच्छ के योगदान हेतु विचार,आमत्रंण पत्रिका की एकरूपता होना,सधार्मक उत्कृष हेतु विचार सहित कई बिन्दुओं पर निर्णय लिये जायेगे। समिति के पश्चिमी राजस्थान के प्रान्तीय संयोजक रतनलाल संखलेचा ने बताया कि महा सम्मेलन को लेकर बाड़मेर में उत्साह का माहौल है,लोग सम्मेलन से जुडने के लिए आगे आ रहे है। संखलेचा ने बताया कि केवल बाड़मेर से करीब 30 बसे 09 मार्च को दोपहर 12 बजे प्रस्थान करेगी। बसो को अतिथियों द्वारा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया जायेगा।
12 मार्च तक चलेगा सम्मेलन- पश्चिमी राजस्थान के प्रान्तीय संयोजक रतनलाल संखलेचा ने बताया कि ने बताया कि गणाधीश मणिप्रभसागर म.सा. की निश्रा में चल रहे सम्मेलन में विभिन्न मुद्दो पर विचार विमर्श किया जा रहा है। दैनिक कार्यक्रमो का श्रृखलाबन्द सफल संचालन किया जा रहा है। 12 मार्च तक चलने वाले सम्मेलन में समाज के उत्थान के साथ साथ खरतरगच्छ के विकास को गति देने के लिए कई बडे मुद्दो पर विचार विर्मश किया जा रहा है। गणाधीश प्रवर की निश्रा में इस सम्मेलन में देशभर से हजारो श्रावक-श्राविकाओं के साथ साथ जैन समुदाय के सैकड़ो साधु-साध्वी भाग ले रहे है।
ऐतिहासिक होगा महासम्मेलन- करीब 60 वर्ष बाद हो रहा ये महासम्मेलन कई मायनो पर में ऐतिहासिक होगा। खरतरगच्छ समुदाय को लेकर इस महासम्मेलन में कई बडे निर्णय लेने के साथ साथ इस समुुदाय के कई नियमों में समय की मांग के साथ परिर्वतन भी किये जा सकते है। ऐसे में ये कहना उचित रहेगा की कई मायनो में ये महासम्मेलन खरतरगच्छ समुदाय के इतिहास में दर्ज होगा।
आचार्य पदारोहण में अन्य गच्छ के 51 आचार्य निश्रा प्रदान करेंगे- महासम्मेलन आयोजन समिति के महामन्त्री पदमचन्द टाटिया ने बताया कि आचार्य पदारोहण में विभिन्न गच्छो के 51 आचार्य एवं सैकड़ो साध्वीयां में उपस्थित रहेगे।संखलेचा ने बताया कि इस कार्यक्रम में भारत वर्ष सहित विदेषो से लगभग 20 हजार से ज्यादा श्रदालुओं के यहां पहुंचने की अग्रिम समाचार है,जिसको लेकर सिद्वाचल तीर्थ में आवास व भोजन की सुन्दर व्यवस्था की गई है।इस कार्यक्रम में आयोजन समिति व अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद के सदस्य अपनी-अपनी व्यवस्थाओं में लगे हुए है।आचार्य पदारोहण कार्यक्रम में देष के कई राजनेता,जैन समाज के विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी ,उच्चस्तरीय सरकारी अधिकारी भी भाग लेंगें।
इन पदो की हुई घोषणा-पालीताणा में चल रहे 12 दिवसीय महासम्मेलन के प्रथम चरण में साधु-साध्वी सम्मेलन चल रहा है। महासम्मेलन के पश्मिची राजस्थान के प्रान्तीय संयोजक रतनलाल संखलेचा ने बताया कि सभी साधु-साध्वीयों ने निणर्य लिया की उपाध्याय पद के लिए मुनि मनोज्ञ सागर म.सा.,गणी पद के लिए मणिरत्न सागर म.सा.,महतरा पद के लिए साध्वी दिव्यप्रभाश्री म.सा.,प्रवतनि पद शशीप्रभाश्री मसा.,गणिनी पद साध्वी सुलोचनाश्री म.सा. एवं साध्वी सूर्यप्रभाश्री म.सा. को पद प्रदान किये जाये। संखलेचा ने बताया कि आचार्य पदारोहण 12 मार्च को होगा। वही 11 मार्च को बाकी पदो को विधि विधान से प्रदान किया जायेगा। संखलेचा ने बताया कि आचार्य पदारोहण से पूर्व 10 मार्च को ऐतिहासिक वरघोडा प्रातः 7.30 बजे निकाला जायेगा। इस वरघोडे के तैयारीयां युद्ध स्तर पर की जा रही है। इसी दिन दोपहर को श्रावक -श्राविका सम्मेलन का आयोजन भी होगा। 11 को पदारोहण एवं 12 मार्च को आचार्य पदारोहण कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
12 मार्च तक चलेगा सम्मेलन- पश्चिमी राजस्थान के प्रान्तीय संयोजक रतनलाल संखलेचा ने बताया कि ने बताया कि गणाधीश मणिप्रभसागर म.सा. की निश्रा में चल रहे सम्मेलन में विभिन्न मुद्दो पर विचार विमर्श किया जा रहा है। दैनिक कार्यक्रमो का श्रृखलाबन्द सफल संचालन किया जा रहा है। 12 मार्च तक चलने वाले सम्मेलन में समाज के उत्थान के साथ साथ खरतरगच्छ के विकास को गति देने के लिए कई बडे मुद्दो पर विचार विर्मश किया जा रहा है। गणाधीश प्रवर की निश्रा में इस सम्मेलन में देशभर से हजारो श्रावक-श्राविकाओं के साथ साथ जैन समुदाय के सैकड़ो साधु-साध्वी भाग ले रहे है।
ऐतिहासिक होगा महासम्मेलन- करीब 60 वर्ष बाद हो रहा ये महासम्मेलन कई मायनो पर में ऐतिहासिक होगा। खरतरगच्छ समुदाय को लेकर इस महासम्मेलन में कई बडे निर्णय लेने के साथ साथ इस समुुदाय के कई नियमों में समय की मांग के साथ परिर्वतन भी किये जा सकते है। ऐसे में ये कहना उचित रहेगा की कई मायनो में ये महासम्मेलन खरतरगच्छ समुदाय के इतिहास में दर्ज होगा।
आचार्य पदारोहण में अन्य गच्छ के 51 आचार्य निश्रा प्रदान करेंगे- महासम्मेलन आयोजन समिति के महामन्त्री पदमचन्द टाटिया ने बताया कि आचार्य पदारोहण में विभिन्न गच्छो के 51 आचार्य एवं सैकड़ो साध्वीयां में उपस्थित रहेगे।संखलेचा ने बताया कि इस कार्यक्रम में भारत वर्ष सहित विदेषो से लगभग 20 हजार से ज्यादा श्रदालुओं के यहां पहुंचने की अग्रिम समाचार है,जिसको लेकर सिद्वाचल तीर्थ में आवास व भोजन की सुन्दर व्यवस्था की गई है।इस कार्यक्रम में आयोजन समिति व अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद के सदस्य अपनी-अपनी व्यवस्थाओं में लगे हुए है।आचार्य पदारोहण कार्यक्रम में देष के कई राजनेता,जैन समाज के विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी ,उच्चस्तरीय सरकारी अधिकारी भी भाग लेंगें।
इन पदो की हुई घोषणा-पालीताणा में चल रहे 12 दिवसीय महासम्मेलन के प्रथम चरण में साधु-साध्वी सम्मेलन चल रहा है। महासम्मेलन के पश्मिची राजस्थान के प्रान्तीय संयोजक रतनलाल संखलेचा ने बताया कि सभी साधु-साध्वीयों ने निणर्य लिया की उपाध्याय पद के लिए मुनि मनोज्ञ सागर म.सा.,गणी पद के लिए मणिरत्न सागर म.सा.,महतरा पद के लिए साध्वी दिव्यप्रभाश्री म.सा.,प्रवतनि पद शशीप्रभाश्री मसा.,गणिनी पद साध्वी सुलोचनाश्री म.सा. एवं साध्वी सूर्यप्रभाश्री म.सा. को पद प्रदान किये जाये। संखलेचा ने बताया कि आचार्य पदारोहण 12 मार्च को होगा। वही 11 मार्च को बाकी पदो को विधि विधान से प्रदान किया जायेगा। संखलेचा ने बताया कि आचार्य पदारोहण से पूर्व 10 मार्च को ऐतिहासिक वरघोडा प्रातः 7.30 बजे निकाला जायेगा। इस वरघोडे के तैयारीयां युद्ध स्तर पर की जा रही है। इसी दिन दोपहर को श्रावक -श्राविका सम्मेलन का आयोजन भी होगा। 11 को पदारोहण एवं 12 मार्च को आचार्य पदारोहण कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
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