जीरोता जिंदा जले पिता-पुत्री
क्षेत्र की बड़ौदा गजराजपाल ग्राम पंचायत के अडूदा गांव में रविवार रात दर्दनाक हादसे में पिता-पुत्री जिंदा जल गए। पुलिस के अनुसार हादसे में मृतक ईंट-भट्टे पर काम करने वाला श्रमिक उत्तरप्रदेश के सातर थाना बबेरू, जिला बांधा निवासी अजयकुमार रैदास (43) एवं उसकी सात पुत्री रूबी है। पुलिस ने मौके पर ही मृतकों का पोस्टमार्टम कराया।
सपोटरा थानाधिकारी अमर सिंह मीणा ने बताया कि अजयकुमार अपने परिवार के साथ अडूदा गांव में रहकर एक ईंट-भट्टा पर मजदूरी करता था। रविवार रात परिवार भट्टे के समीप ही बनी झुग्गी में सोया हुआ था। रात करीब 2-3 बजे चिमनी भभकने से झुग्गी ने आग पकड़ ली। आग की तपन से उसमें सो रहे अजय उसके बच्चों की नींद खुली तो, वे तुरत-फुरत बाहर निकले।
मृतक की पत्नी भावना ने बताया कि इस दौरान उसकी पुत्री शशि, सविता, मनीषा, पुत्र रवि, राहुल और पति अजय बाहर निकल आए, लेकिन छोटी पुत्री रूबी अन्दर फंसी रह गई। उसे बचाने के प्रयास में अजय के ऊपर जलता तिरपाल और घास आ गिरी, जिससे वह झुलस कर अन्दर ही रह गया।
इर्द-गिर्द नहीं था कोई मददगार
घटना स्थल के इर्द-गिर्द किसी के नहीं होने से पीडि़त परिवार को तत्काल मदद नहीं मिल सकी। सुबह जैसे-तैसे परिजनों ने ग्रामीणों और पुलिस को सूचना दी। इस पर सोमवार सुबह नारौली डांग पुलिस चौकी प्रभारी ओमप्रकाश धाकड़ एवं हुकम मीणा पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इसके बाद सपोटरा थानाधिकारी अमरसिंह मीणा, नायब तहसीलदार विश्वनाथ अवस्थी, पटवारी मोहनराज मीणा आदि भी पहुंच गए। अधिकारियों ने मौके पर ही चिकित्सक हंसराज मीणा को बुलवाकर मृतकों का पोस्टमार्टम कराया। करीब 11.30 बजे पुलिस उपाधीक्षक सुरेन्द्रकुमार भी पहुंचे।
बच्चों ने रोका भी था
भावना के अनुसार उसकी पुत्रियों व पुत्रों ने पिता अजय को अन्दर आग में जाने से रोका, लेकिन छोटी पुत्री को बचाने की खातिर वह धधकती आग के बीच अन्दर चला गया और आग की चपेट में आ गया।
मजदूरी से पल रहा था परिवार
पुलिस के अनुसार गत 6 जनवरी को अजय अपने परिवार के साथ अडूदा गांव आकर ईंट-भट्टे पर मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। वह भट्टा के समीप ही झुग्गी बनाकर रहता था। ईंट-भट्टे गांव से करीब एक किलोमीटर दूर होने से किसी को समय पर पता भी नहीं चल सका।
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