मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016

अवयस्क सौतेली बेटी से बलात्कार के जुर्म में 45 वर्षीय व्यक्ति को उसकी आखिरी सांस तक जेेल में कैद रखे जाने की सजा

अवयस्क सौतेली बेटी से बलात्कार के जुर्म में 45 वर्षीय व्यक्ति को उसकी आखिरी सांस तक जेेल में कैद रखे जाने की सजा 
इंदौर। अवयस्क सौतेली बेटी से बलात्कार के जुर्म में आज यहां अदालत ने 45 वर्षीय व्यक्ति को उसकी आखिरी सांस तक जेेल में कैद रखे जाने की सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने मामले में रघुवीर गौतम को भारतीय दंड विधान और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की संबद्ध धाराओं में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई।
बलात्कारी पिता को उसकी आखिरी सांस तक जेल में बंद रखा जाए : अदालत
अभियोजन पक्ष ने गौतम पर जुर्म साबित करने के लिए अदालत के सामने छह गवाह पेश किए थे। अतिरिक्त लोक अभियोजक एजीपी संतोष चौरसिया ने संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा कि गौतम को उसके जुर्म के लिए उसकी आखिरी सांस तक जेल में कैद रखा जाए।

उन्होंने बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में रहने वाले गौतम ने पीडि़त नाबालिग लडक़ी की मां से दूसरी शादी की थी। उसने अपनी 14 साल की सौतेली बेटी को वर्ष 2014 में कई बार हवस का शिकार बनाया था। चौरसिया ने बताया कि गौतम की करतूत के बारे में जानकारी मिलने के बाद पीडि़त लडक़ी की मां ने आठ अक्टूबर 2014 को अपने पति के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

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