रविवार, 3 जनवरी 2016

अमृतसर।भारत-PAK सीमा पर तस्करी के लिए स्मगलरों ने ढूंढा नायाब तरीका, PVC पाइप के जरिए स्मगलिंग



अमृतसर।भारत-PAK सीमा पर तस्करी के लिए स्मगलरों ने ढूंढा नायाब तरीका, PVC पाइप के जरिए स्मगलिंग


पाकिस्तान से हेरोइन की तस्करी के लिए अपराधी नए-नए तरीकों का प्रयोग करते रहते हैं। अब वे पीवीसी पाइपों से लेकर, सुरंग खोदने तथा कांटेदार बाड़ के ऊपर से पैकेट फेंकने का तरीका आजमा रहे हैं। भारत ने पाकिस्तान सीमा से 300 से 800 मीटर के अंदर 553 किलोमीटर लंबा कांटेदार बाड़ लगाया है, जिसमें बिजली का करेंट दौड़ता है। लेकिन ड्रग तस्कर इस बाड़बंदी को तोडऩे का नया-नया तरीका अपनाते रहते हैं।

वे ड्रग्स के छोटे-छोटे पैकेट पीवीसी पाइप के अंदर डालकर बाड़ के इस पार फेंकते हैं या फिर ड्रग्स की छोटी-छोटी गठरियां बनाकर बाड़ के ऊपर से इस पार फेंकते हैं। कई बार वे खेतों में बाड़ के नीचे से सीमा के इस पार तक सुरंग खोद डालते हैं जिसका पता तब चलता है जब यहां के किसान अपनी जमीन पर रोपाई करने जाते हैं।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) 24 घंटे बॉर्डर पर नजर रखते हैं। साल 2015 में बीएसएफ ने 345 किलो हेरोइन जब्त किया, जिसकी कीमत 1725 करोड़ रुपये है। पिछली बार 20 दिसंबर की रात में बीएसएफ ने 22 किलो हेरोइन जब्त किया था जिसकी कीमत 110 रुपए आंकी गई।

इससे पहले साल 2014 में बीएसएफ ने पंजाब में तस्करी का सबसे बड़ा खेप बरामद किया था, जो 361 किलो था। यह हेरोइन अफगानिस्तान से लाया जाता है जो पाकिस्तान से भारत भेजा जाता है।

बीएसएफ के अमृतसर सेक्टर के एक अधिकारी ने बताया, 'हमारे सैनिकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 24 घंटे नजर रखना आसान नहीं है। तस्करी की ज्यादातर घटनाएं देर रात में होती हैं, इसलिए अंधेरे और कठिन मौसम के बीच हमारे सैनिकों के लिए उनको पकडऩा आसान नहीं है।' उन्होंने कहा, 'हमारे सैनिकों को जीरो डिग्री तापमान और कोहरे से लेकर 45 डिग्री तक की गर्मी में काम करना पड़ता है। इसके बावजूद उन्होंने कड़ी निगरानी रखी और इतनी भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद किया।'

बीएसएफ के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि हाल के दिनों में सीमा के दोनों तरफ से तस्करी की घटनाएं बढ़ी हैं। तस्कर ज्यादातर खेत में खड़ी फसलों, रात के अंधेरे और कोहरे का सहारा लेकर ड्रग की तस्करी करने की कोशिश करते हैं। पंजाब में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की 135 बटालियन तैनात है, जिसमें हर एक बटालियन में 1,200 सैनिक हैं।

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