जीरे की फसल को कीट-व्याधियों से बचाव के उपाय
जालोर 5 जनवरी -उद्यान विभाग द्वरा जीरा फसल में विभिन्न कीट-व्याधियों का प्रकोप होने की
संभावना को देखते हुए नियन्त्राण के उपाय बताये गये हैं।
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक एल.एन.यादव ने बताया कि वर्तमान में दिन-रात के तापमान में उतार-चढाव एवं आकाश में बादल छाये रहने की स्थिति में जीरे की फसल मंे विभिन्न कीट-व्याधियों का प्रकोप होने की संभावना हो जाती हैं जिसके नियन्त्राण के लिए विभिन्न प्रकार के उपचार किये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मोयला का प्रकोप प्रायः फसल की फूल आने की अवस्था में होता हैं। मोयला पौधों से रस चूस कर हानि पहुंचाता हैं। इसके प्रकोप से फसल बढवार प्रभावित होती हैं। इस कीट के प्रभावी नियन्त्राण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 200एसएल 25 ग्राम सक्रिय तत्व या थायोमिथाक्साम 25 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण 100 ग्राम प्रति हैक्टर की दर से छिडकाव करे तथा आवश्यकता हो तो छिडकाव को 10-15 दिन बाद पुनः दोहरावें।
इसी प्रकार जीरे की फसल के छाछ्या रोग से प्रभावित होने की स्थिति में पत्तियों पर सफेद चूर्ण दिखाई देने लगता हैं। इसका समय पर नियन्त्राण करना अति आवश्यक हैं। नियन्त्राण के अभाव में इसकी गंभीरता बढ जाती हैं तथा फसल में बीज नहीं बनते हैं। इसके प्रभावी नियन्त्राण के लिए घुलनशील गंधक 2.5 किग्रा प्रति हैक्टर की दर से छिडकाव करें या कैराथेन एल.सी. एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर रोग का प्रकोप होते ही छिडकाव करें। आवश्यकता हो तो यह उपाय 10-15 दिन बाद पुनः प्रयोग में लेवे। झुलसा रोग फसल की फूल वाली अवस्था के समय यदि आकाश में बादल छाये रहते हैं तो इस रोग का प्रकोप होना निश्चित हो जाता हैं। प्रभावित पौधों के सिरे मुड जाते हैं तथ पत्तियों एवं तनों पर भूरे रंग धब्बे पड जाते हैं। इस रोग का प्रकोप दिखते ही नियन्त्राण उपाय नही किये जाये तो फसल को बचाना मुश्किल हो जाता हैं। इस रोग के प्रभावी नियन्त्राण के लिए टाॅप्सिन एम या मैन्कोजेब या थाईराम 2 ग्राम प्रतिलीटर पानी की दर से छिडकाव करें। आवश्यकता हो तो यह नियन्त्राण उपाय 10-15 दिन के अंतराल में दो बार दोहरावें।
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खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों के लिए सीडिंग कार्य
जालोर 5 जनवरी - जिले में भामाशाह प्लेटफार्म के माध्यम से जनवरी माह में आयोजित होने वाले शिविरों में खाद्य सुरक्षा चयनित लाभार्थियों का सीडिंग कार्य किया जायेगा।
जिला रसद अधिकारी धर्मपाल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार सभी सरकारी योजनाओं के नकद व गैर नकद लाभ चरणबद्ध रूप से भामाशाह प्लेटफार्म के माध्यम से वितरित किये जायेंगे। इसलिए खाद्य सुरक्षा चयनित लाभार्थियों का सीडिंग कार्य किया जायेगा । इस सम्बन्ध में आयोजना विभाग द्वारा जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डो में दो-तीन दिवसीय सीडिंग शिविरों का आयोजन किया जायेगा।
उन्होंने जिले के समस्त उचित मूल्य दुकानदारों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने क्षेत्रों में शिविर दिवस पर निर्धारित शिविर स्थान (ग्रामीण क्षेत्रा में अटल सेवा केन्द्र व शहरी क्षेत्रों में राजकीय भवन) पर आवश्यक रूप से एनएफएसए लाभार्थियों की सूची, समस्त एनएफएसए लाभार्थियों के डिजिटाईज्ड राशन कार्ड की संख्या की सूची व एनएफएसए लाभार्थियों के आधार कार्ड एवं बैंक खाता संख्या सम्बन्धी सूचना सहित उपस्थित रहकर एनएफएसए लाभार्थियों का शत-प्रतिशत सीडिंग कार्य करवाना सुनिश्चित करें।
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