अजमेर।यूजीसी का फरमान...सभी यूनिवर्सिटी भरवाएंगी ऑनलाइन फार्म
नए साल में विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अजमेर की महर्षि दयानंद सरस्वती सहित देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। सत्र 2016-17 में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के फार्म ऑनलाइन भरे जाएंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों को इस आशय के निर्देश जारी कर दिए हैं।
देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और गिने-चुने राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों को छोड़कर अधिकांश विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन नहीं है। इनमें अब तक विवरणिका की छपाई और मुद्रित फार्म जमा करने की प्रक्रिया जारी है। इससे विद्यार्थियों को परेशानियां होती हैं। कई बार ग्रामीण स्तर पर विद्यार्थियों को दाखिला प्रक्रिया का पता ही नहीं चलता। विश्वविद्यालयों को भी विवरणिका और फार्म छपाने का खर्चा करना पड़ता है। विद्यार्थियों की परेशानियों को देखते यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है।
वेबसाइट पर देनी होगी सूचनाएं
यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. वेदप्रकाश के अनुसार विश्वविद्यालयों को सत्र 2016-17 से स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करनी अनिवार्य होगी। विश्वविद्यालयों को वेबसाइट पर ई-फार्म, पाठ्यक्रमों के नाम, फार्म और फीस जमा कराने की तिथियां, सूची जारी करने की तिथियां अपलोड करनी होंगी। इसकी सूचना यूजीसी को देनी आवश्यक होगी।
मदस विवि भी शामिल
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में पिछले 28 साल से पारम्परिक प्रवेश प्रक्रिया जारी है। यहां विवरणिका के साथ फार्म छपवाए जाते हैं। इसके लिए निविदा आमंत्रण, मुद्रण का खर्चा होता है। यूजीसी के निर्देशानुसार विवि को अब ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया अपनानी जरूरी होगी।
कॉलेजों में प्रवेश पहले ही ऑनलाइन
राज्य के स्नातक और स्नातकोत्तर कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया साल 2012-13 से ही ऑनलाइन हो चुकी है। कॉलेजों में फीस और फार्म ऑनलाइन फार्म भरवाए जा रहे हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद कॉलेजों में कतारें लगना बंद हो गई हैं। इससे विद्यार्थियों और कॉलेजों को काफी सुविधा हुई है।
यूजीसी के निर्देशानुसार प्रवेश प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाएगा। अगले सत्र में इसकी शुरुआत होगी।
डॉ. प्रवीण माथुर, डीन छात्र कल्याण मदस विवि अजमेर
देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और गिने-चुने राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों को छोड़कर अधिकांश विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन नहीं है। इनमें अब तक विवरणिका की छपाई और मुद्रित फार्म जमा करने की प्रक्रिया जारी है। इससे विद्यार्थियों को परेशानियां होती हैं। कई बार ग्रामीण स्तर पर विद्यार्थियों को दाखिला प्रक्रिया का पता ही नहीं चलता। विश्वविद्यालयों को भी विवरणिका और फार्म छपाने का खर्चा करना पड़ता है। विद्यार्थियों की परेशानियों को देखते यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है।
वेबसाइट पर देनी होगी सूचनाएं
यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. वेदप्रकाश के अनुसार विश्वविद्यालयों को सत्र 2016-17 से स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करनी अनिवार्य होगी। विश्वविद्यालयों को वेबसाइट पर ई-फार्म, पाठ्यक्रमों के नाम, फार्म और फीस जमा कराने की तिथियां, सूची जारी करने की तिथियां अपलोड करनी होंगी। इसकी सूचना यूजीसी को देनी आवश्यक होगी।
मदस विवि भी शामिल
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में पिछले 28 साल से पारम्परिक प्रवेश प्रक्रिया जारी है। यहां विवरणिका के साथ फार्म छपवाए जाते हैं। इसके लिए निविदा आमंत्रण, मुद्रण का खर्चा होता है। यूजीसी के निर्देशानुसार विवि को अब ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया अपनानी जरूरी होगी।
कॉलेजों में प्रवेश पहले ही ऑनलाइन
राज्य के स्नातक और स्नातकोत्तर कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया साल 2012-13 से ही ऑनलाइन हो चुकी है। कॉलेजों में फीस और फार्म ऑनलाइन फार्म भरवाए जा रहे हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद कॉलेजों में कतारें लगना बंद हो गई हैं। इससे विद्यार्थियों और कॉलेजों को काफी सुविधा हुई है।
यूजीसी के निर्देशानुसार प्रवेश प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाएगा। अगले सत्र में इसकी शुरुआत होगी।
डॉ. प्रवीण माथुर, डीन छात्र कल्याण मदस विवि अजमेर
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