बाड़मेर। सेतराऊ में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं - इन्टेक बाड़मेर
बाड़मेर। इन्टेक बाड़मेर चेप्टर के संयोजक यशोवर्धन शर्मा, प्रवक्ता जितेन्द्र सिंह सेतराऊ व अन्य सदस्यों ने सेतराऊ की पहाड़ी पर निर्मित 400 से 500 साल पुराने प्राचीन गढ़ का अवलोकन किया, जिसके निर्माण में किसी भी मसाले का उपयोग नहीं किया गया है। गढ़ से दिखने वाला विहंगम दृश्य अपने आप में अनोखा है। जहां से रामसर, केराड़ू, जूना, जूना पतरासर, जसाई, नीम्बड़ी, चैहटन और वीरातरा की सभी पहाडि़यों को देखा जा सकता है। कई आक्रमणों को झेल चुका यह प्राचीन गढ़ विशाल सेतराऊ जागीर के 70 गांवों का मूल केन्द्र था। गढ़ के नीचे तलहटी में प्राचीन सेतराऊ ग्राम के बसावट के अवशेष मौजूद हैं। प्राचीन लोरटियां, शिलालेख, तलाई, अमर बेल के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध बजने वाला रेत का धोरा भी सेतराऊ में स्थित है। जो एक अजूबा है। संसार में ऐसा स्थान और कहीं नहीं है। सेतराऊ में डेजर्ट एक्सपेडिशन, डेजर्ट ट्रेकिंग, डेजर्ट स्पोर्ट्स, राॅक क्लाइम्बिंग, डबल ट्रेप शूटिंग आदि व सन राइज व सन सेट का शानदार दृश्य भी देखा जा सकता है। ऐतिहासिक स्थल केराड़ू, धार्मिक स्थल वीरातरा, अन्तर्राष्ट्रीय बोर्डर मुनाबाव व रेडाणा के रण के बीचो-बीच बसा सेतराऊ (रामसर) ट्युरिज्म पैकेज का केन्द्रबिन्दु बन सकता है। स्थानीय स्तर पर पूर्व जागीरदार श्री कल्याणसिंह जी राठौड़ इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं और एक नये गढ़नुमा विशाल भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ करवाया है साथ ही सेतराऊ गांव के सौन्दर्यकरण का कार्य भी कर रहे हैं। इन्टेक परिवार के सदस्यों ने पूरा सेतराऊ क्षेत्र का भ्रमण कर इन पर्यटन संभावनाओं को खोजा है और जल्द ही इन्टेक परिवार स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों व पर्यटन से जुड़े लोगों को सेतराऊ में आमंत्रित कर इन धरोहरों व पर्यटन संभावनाओं से से रूबरू करवायेगा।
बाड़मेर। इन्टेक बाड़मेर चेप्टर के संयोजक यशोवर्धन शर्मा, प्रवक्ता जितेन्द्र सिंह सेतराऊ व अन्य सदस्यों ने सेतराऊ की पहाड़ी पर निर्मित 400 से 500 साल पुराने प्राचीन गढ़ का अवलोकन किया, जिसके निर्माण में किसी भी मसाले का उपयोग नहीं किया गया है। गढ़ से दिखने वाला विहंगम दृश्य अपने आप में अनोखा है। जहां से रामसर, केराड़ू, जूना, जूना पतरासर, जसाई, नीम्बड़ी, चैहटन और वीरातरा की सभी पहाडि़यों को देखा जा सकता है। कई आक्रमणों को झेल चुका यह प्राचीन गढ़ विशाल सेतराऊ जागीर के 70 गांवों का मूल केन्द्र था। गढ़ के नीचे तलहटी में प्राचीन सेतराऊ ग्राम के बसावट के अवशेष मौजूद हैं। प्राचीन लोरटियां, शिलालेख, तलाई, अमर बेल के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध बजने वाला रेत का धोरा भी सेतराऊ में स्थित है। जो एक अजूबा है। संसार में ऐसा स्थान और कहीं नहीं है। सेतराऊ में डेजर्ट एक्सपेडिशन, डेजर्ट ट्रेकिंग, डेजर्ट स्पोर्ट्स, राॅक क्लाइम्बिंग, डबल ट्रेप शूटिंग आदि व सन राइज व सन सेट का शानदार दृश्य भी देखा जा सकता है। ऐतिहासिक स्थल केराड़ू, धार्मिक स्थल वीरातरा, अन्तर्राष्ट्रीय बोर्डर मुनाबाव व रेडाणा के रण के बीचो-बीच बसा सेतराऊ (रामसर) ट्युरिज्म पैकेज का केन्द्रबिन्दु बन सकता है। स्थानीय स्तर पर पूर्व जागीरदार श्री कल्याणसिंह जी राठौड़ इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं और एक नये गढ़नुमा विशाल भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ करवाया है साथ ही सेतराऊ गांव के सौन्दर्यकरण का कार्य भी कर रहे हैं। इन्टेक परिवार के सदस्यों ने पूरा सेतराऊ क्षेत्र का भ्रमण कर इन पर्यटन संभावनाओं को खोजा है और जल्द ही इन्टेक परिवार स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों व पर्यटन से जुड़े लोगों को सेतराऊ में आमंत्रित कर इन धरोहरों व पर्यटन संभावनाओं से से रूबरू करवायेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें