आबूरोड सिरोही: चन्द्रावती में मिला13वीं सदी का विशाल मटका
पुरातन नगरी चन्द्रावती में जनार्दन राय नागर विद्यापीठ उदयपुर व पुरातत्व विभाग की ओर से तीसरे चरण के उत्खनन में बुधवार को स्टे्रक्चर एचएच-19 के कक्ष के मुख्य द्वार पर बड़ा मटका मिला। यह 13वीं शताब्दी के आसपास का हो सकता है। मटके का आधा भाग पूरा जमीन में धंसा हुआ मिला। इससे पहले मंगलवार को आई आई-19 की खुदाई में कांच की चुडियां तथा हड्डियों के अवशेष भी मिले है। साहित्य संस्थान के निर्देशक जीवनसिंह खड़कवाल ने बताया कि मटके में नगरी के बसने के समय में अन्न भरने का उपयोग किया जाता होगा। इसी ट्रेंस का गहन खनन होगा इससे और वस्तुएं निकल सकती है। वहीं पूरे किले के चारों और भी विशेष जांच कर रोजाना निकल रही दीवार की गहन जांच कर पूरा मैप तैयार किया जाएगा।
अभ्यर्थियों ने ली स्टे्रक्चर बनाने की जानकारी
पुरातन विभाग के इचांर्ज केपीसिंह ने बताया कि चन्द्रवती में खनने के बारे में जानकारी लेने वाली स्वाती जैन, अभिषेक शुक्लेचा, पूर्वा भाटिया, टिया चटर्जी, प्रांजल गर्ग, रोहित कुमार ने चन्द्रावती की मैप जानकारी के बाद बुधवार से खनन के दौरान होने वाले स्ट्रक्चरों को बनाने तथा वहा की टीलों के बारे में जानकारी दी गई।
भवन के चारों ओर बनी है दीवार
खनन के दौरान ट्रेंस संख्या केके-19 से एनएन-19 के चारों और दो दो मीटर की दीवार का भाग निकल रहा है। जिससे प्रतित होता है कि यहा पर जो भी भवन बने थे उनकी चारों और एक दीवार भी थी, इसकी पूरी तरह खनन के बाद पता चलेगा की कौनसी दीवार किस और जा रही है। ऐसे में जगह जगह पर दीवार के पास खुदाई करके जांच की जा रही है।
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