रविवार, 27 दिसंबर 2015

राजस्थान को घाटे में पहुंचाकर श्रेय लेने में जुटे गहलोत: चैधरी


राजस्थान को घाटे में पहुंचाकर श्रेय लेने में जुटे गहलोत: चैधरी

बाड़मेर/जयपुर, 27 दिसम्बर। राजस्व राज्यमंत्री श्री अमराराम चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के प्रयासों से राजस्थान में रिफाइनरी लाभ की शर्तों के साथ धरातल पर आ रही है। इसी की बौखलाहट में पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बाड़मेर में प्रदर्शन किया। वे चाहते हैं कि रिफाइनरी का श्रेय उनको मिल जाए, जोे उन्हें मिलने वाला नहीं है।

श्री चैधरी ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि रिफाइनरी को लेकर बाड़मेर में लोगों को भड़काने वाले पूर्व मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने चुनाव जीतने के लालच में पेट्रोलियम कम्पनी के साथ ऐसा करार किया, जिससे राजस्थान को नुकसान के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं होता। राजस्व मंत्री ने सवाल किया कि पैसा हमारा, जमीन हमारी, तेल हमारा और हिस्सेदारी केवल 26 प्रतिशत। ऊपर से 56 हजार 400 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण। 4 हजार 800 एकड़ जमीन औने-पौने दामों में। क्या यह घाटे का एमओयू नहीं था ? राज्य सरकार द्वारा नियुक्त सलाहकार कंपनी प्राइस वाटरहाऊस कूपर्स ने भी एमओयू को राज्य के लिये घाटे का सौदा बताया है।

श्री चैधरी ने कहा कि श्री गहलोत राज्य को वैट और राॅयल्टी में हो रहे नुकसान की बात कह रहे हैं, लेकिन यदि रिफाइनरी के लिये राजस्थान सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि के बदले में उचित हिस्सेदारी नहीं मिले, तो वैट और राॅयल्टी की राशि से उसका घाटा कभी पूरा नहीं हो सकता।

राजस्व मंत्री ने कहा कि राजनीतिक रूप से अपनी किरकिरी होती देख अब कांग्रेस के नेता रिफाइनरी को मुद्दा बनाकर लोगों की सहानुभूति बटोरना चाहते हैं। लेकिन जनता उनके बहकावे में आने वाली नहीं है, क्योकि जनता वादों में नहीं काम में विश्वास करती है और हमारी सरकार जनता के सपने पूरे करने में दिन-रात जुटी हुई है।

श्री चैधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की बौखलाहट मुख्यमंत्री के बाड़मेर में सफल ’आपका जिला, आपकी सरकार’ दौरे को लेकर है, जिसमें श्रीमती राजे ने स्थानीय लोगों के साथ आत्मीयता से जुड़कर उनकी समस्याओं का निराकरण किया है।

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