शनिवार, 19 दिसंबर 2015

कृषि भूमि पर खनन करने पर भी लगाई पाबंदी ट्रैक्टर एवं ट्रॉलियों पर अंकुश उच्च न्यायालय के निर्देश

कृषि भूमि पर खनन करने पर भी लगाई पाबंदी  ट्रैक्टर एवं ट्रॉलियों पर अंकुश उच्च न्यायालय के निर्देश

जयपुर। उच्च न्यायालय ने बजरी परिवहन में काम आने वाले ट्रैक्टर एवं ट्रॉलियों पर अंकुश लगा दिया है। अब कोई भी व्यावसायिक श्रेणी में अपंजीकृत वाहन बजरी का परिवहन नहीं कर सकेगा। प्रदेश में इस समय कृषि श्रेणी में पंजीकृत हजारों ट्रैक्टर ट्रॉलियां गांवों, शहरों एवं कस्बों में बजरी पहुंचाने का काम कर रही है। उच्च न्यायालय ने इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों से बजरी का परिवहन करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए जिले के पुलिस एवं परिवहन विभाग को कमर कसकर काम करना पड़ेगा। साथ ही अब कृषि श्रेणी की भूमि पर कोई भी लीज धारक बजरी का खनन नहीं कर पाएगा।
सरकार के कुछ महकमों ने उच्च न्यायालय में एक वाद बजरी ट्रांसपोर्ट यूनियन आदि के विरुद्ध प्रस्तुत किया गया था। इस मामले की सुनवाई के बाद शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुना दिया है। इस बारे में वादी पक्ष के अधिवक्ता पवन कुमार ने बताया कि इस आदेश की पालन के लिए पुलिस अधीक्षक एवं परिवहन विभाग को पाबंद किया गया है। साथ ही अगली तारीख तक इसकी पालना रिपोर्ट उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
ज्यादा असर ट्रैक्टर संचालकों पर
न्यायालय के इस आदेश का सबसे बड़ा प्रभाव ट्रैक्टर मालिकों पर पड़ेगा। ट्रैक्टर परिवहन विभाग में कृषि श्रेणी के लिए पंजीकृत किए जाते हैं, लेकिन उनका उपयोग व्यावसायिक कार्यों खासकर बजरी के परिवहन के लिए किया जा रहा है। अधिकतर निर्माण कार्यों के लिए ट्रैक्टर ट्रॉलियों से ही बजरी मंगवाई जा रही है। इस कारण कुछ हद तक लोगों को कम कीमत पर बजरी मिल रही है, लेकिन इस निर्देश के बाद व्यावसायिक श्रेणी के वाहनों द्वारा ही बजरी का परिवहन करने की स्थिति में जहां परिवहन साधनों की कमी का सामना करना पड़ेगा, वहीं लोगों को इस कारण बजरी के कुछ अधिक दाम भी देने पड़ेंगे।


इस समय जिले में सबसे अधिक अवैध बजरी का खनन एवं परिवहन ट्रैक्टर ट्रॉलियों द्वारा ही किए जाने के कारण इसका सीधा प्रभाव पड़ना तय है। न्यायालय के इस निर्देश के बाद जहां पुलिस एवं परिवहन विभाग के लिए इतनी बड़ी तादाद में संगठित रूप से अवैध तरीके से काम करने वाले ट्रैक्टर मालिकों से टकराव की चुनौती खड़ी हो गई है, वहीं इनकों रोकने के लिए बहुत बड़े स्तर पर कार्रवाई करने की जरूरत पड़ेगी।


ये है आदेश
> उच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार कोई भी ऐसा वाहन जो परिवहन विभाग के यहां व्यावसायिक श्रेणी में पंजीकृत नहीं है, वह वाहन किसी भी प्रकार से बजरी का परिवहन नहीं कर सकता है। बजरी का परिवहन वही वाहन करेगा, जिसके पास व्यावसायिक श्रेणी का पंजीयन होगा।
> कोई भी वाहन चाहे वह व्यावसायिक श्रेणी में पंजीकृत ही हो, वह ओवरलोड बजरी का परिवहन नहीं कर सकता है। अगर करता हुआ पकड़ा जाता है तो इस वाहन को छोड़ने का अधिकारी निचले कोर्ट को नहीं होगा। उच्च न्यायालय से ही समस्त दस्तावेज मिलने के बाद पूरी प्रक्रिया एवं सुनवाई के बाद ही वाहन को छोड़ा जाएगा।
> कोई भी ऐसा व्यक्ति या किसान जिसकी जमीन व्यावसायिक रूप से परिवर्तित नहीं हुई है वह अपनी कृषि या अन्य किस्म की भूमि पर बजरी का खनन एवं स्टॉक नहीं कर सकेगा। अगर कोई ऐसा करता है तो वह दंड का भागी होगा।
> जो भी व्यक्ति लीज लेकर बजरी का खनन करेगा, वह अपने खनन स्थल पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर उसकी पूरी रिकॉर्डिंग करेगा। बाद में रिकॉर्डिंग पुलिस प्रशासन को प्रस्तुत की जाएगी, जिसकी समीक्षा पुलिस करेगी। अगर उसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलती है, तो उनके खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जाएगी।
> अगर कोई भी व्यक्ति अपनी गैर व्यावसायिक खातेदारी भूमि पर बजरी कास्टॉक करता है तो उसके खिलाफ राजस्व विभाग कठोर कार्रवाई करेगा। इसके तहत स्टॉक को सीज करके विभाग द्वारा जब्त कर लिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर पेनल्टी या न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से ही उसे दुबारा रिलीज किया जाएगा।


बजरी के अवैध भंडारण पर प्रबंधक को जेल
जयपुर। राजधानी के प्रागपुरा थाना पुलिस ने पिछले दिनों जयपुर-दिल्ली एनएच- 8 को सिक्सलेन में बदलने का काम कर रही पीसीपीईएल कम्पनी के प्रबन्धक को अवैध बजरी खनन के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद कोटपूतली न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया।
थाना प्रभारी हरिपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि कम्पनी के प्रबन्धक सी.जे.जोसफ निवासी ओचलथोक थाना नारवल जिला कोच्ची केरल को अवैध बजरी खनन में गिरफ्तार किया। पुलिस ने 5 दिसम्बर की रात को नाकाबंदी के दौरान 3 डंपर अवैध बजरी से भरे पकड़ कर उनके चालकों को गिरफ्तार किया था। यह बजरी प्रबन्धक जोसफ ने राजमार्ग निर्माण के लिए अवैध रूप से भण्डारण कर रखी थी जिसको डंपरों से निर्माण कार्य स्थल पर भेजी जाती थी। इस प्रकरण में जोसफ को सोमवार को कम्पनी के कार्यालय सांगटेडा से लाकर प्रागपुरा थाने में पूछताछ की गई जिसके बाद गिरफ्तार कर कोटपूतली न्यायालय में पेश किया।

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