सोमवार, 7 दिसंबर 2015

गांव जांदवा से लाइव : एक साथ उठी छह अर्थियां, पहले से दुखी परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

रतनगढ़ (चूरू).गांव जांदवा से लाइव : एक साथ उठी छह अर्थियां, पहले से दुखी परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

हरियाणा के हांसी में दो वाहनों की भिड़ंत में एक परिवार के सात सदस्यों की मौत के बाद सोमवार सुबह गांव जांदवा में छह सदस्यों का अंतिम संस्कार किया गया। घर से छह अर्थियां एक साथ उठीं तो कोहराम मच गया। इधर, मृतका माना देवी का अंतिम संस्कार उसके ससुराल गांव गौरीसर में किया गया। शनिवार देर रात हुई घटना के बारे में जिसने भी सुना उसकी आंखे नम हो गई।
सोमवार सुबह छह सदस्यों के शव गांव में पहुंचे। गांव में सन्नाटा पसर गया। शोक की लहर छा गई। कुछ सदस्यों की हालत देख ग्रामीणों ने मेडीकल टीम बुलाकर उनका उपचार करवाया। परिजनों और लोगों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। जब एक घर से छह अर्थियां निकली तो ग्रामीणों की आंखे नम हो गई।
 
शव यात्रा में पर्यावरण, वन एवं खनिज राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा, भाजपा नेता रामसिंह कस्वा, रतनगढ़ पालिकाध्यक्ष इन्द्रकुमार, राजगढ़ नगरपालिकाध्यक्ष जगदीश बैरासरिया, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भंवरलाल पुजारी, अभिनेष महर्षि, पूसाराम गोदारा, शिवभगवान कम्मा, ओमप्रकाश सीमार, राजेन्द्र बबेरवाल, गोविंद महणसरिया आदि जनप्रतिनिधि जांदवा पहुंचे और परिजनों को ढांढ़स बंधाया। सोमवार को जांदवा गांव की सभी दुकाने बंद रही। गांव की गलियों में सन्नाटा छाया रहा। गांव के अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले।
इनकी हुई थी मौत
शनिवार रात हरियाणा के हांसी के पास कार एवं कैंटर के मध्य हुई दुर्घटना में कार में सवार एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई थी। इसमें धन्नाराम के सबसे बडे पुत्र हड़मानाराम (60), छोटे पुत्र मूलाराम, पोते विनोद उर्फ मनोज (20), पुत्रवधू मूंगीदेवी (58), पुत्रवधू रुकमणीदेवी (58), पुत्रवधू महिमा (50) व गौरीसर निवासी बेटी मानादेवी (70) की मौत हो गई थी। परिवार के सदस्य सुंदर देवी खीचड़ की अर्थियां विर्सजित करके वापस गांव जांदवा लौट रहे थे। परिवार के लोग सुंदरदेवी की मृत्यु पर पांच दिन से शोक संतप्त थे। लोग शोक में थे। लेकिन किसी को पता नहीं था कि यह घटना लोगों का दिल दहला देगी। इस घटना के बाद से गांव के लोगों में मायूसी छाई हुई है।
एक सरकारी शिक्षक, शेष करते मजदूरी
धन्नाराम जीवित है। उसके आठ पुत्र व एक बेटी हैं। इनमें ओंकार सरकारी शिक्षक हैं। टोरुराम सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी हैं। इसके अलावा डेडाराम, मोहरुराम मजदूरी कर गुजर-बसर कर रहे हैं।
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पवन के सिर से उठा साया
सुंदरदेवी का पुत्र रामलाल सेना में कार्यरत था। उसकी कुछ वर्षों पहले बीमारी से मृत्यु हो गई थी। दो पुत्र सुनील (20) और पवन (12) वर्ष के सिर से पिता का साया उठ गया था। मां महिमा ही दोनों पुत्रों का लालन-पालन कर रही थी। रविवार को महिमा की भी मौत हो गई। अब दोनों पुत्रों से मां-बाप का साया उठ गया है। बड़ा निजी काम कर संभाल रहा है।
तीन भाइयों की आर्थिक स्थिति कमजोर
मृतका सुदंरदेवी के आठ पुत्र हैं। इनमें शेराराम, हड़मानाराम और मूलाराम की पारिवारिक आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। इनमें शेराराम कुछ वर्षों पहले बीमारी और मूलाराम और हड़मानाराम की दुर्घटना में मौत हो चुकी है।
परिवार का गांव से विशेष स्नेह
गांव के लोगों ने बताया कि धन्नाराम का परिवार बहुत ही मिलनसार था। घर के प्रत्येक सदस्य का गांव के लोगों से स्नेह था। अपने काम से काम रखते थे। सूचना के बाद परिवार के लोगों को ढांढ़स बंधाने के लिए लोगों का आना जाना लगा रहा। हर किसी के चेहरे पर उदासी छाई हुई थी। सरपंच सरिता शर्मा ने बताया कि नियमानुसार सरकारी मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा। दुख की इस घड़ी में पूरा गांव शौक संतप्त परिवार के साथ है।

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