कमीशन का खेल होगा खत्म, ठेकेदारों को मिलेगा आॅनलाइन पेमेंट
जयपुर।
नगर निगम में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जल्द ही ई—टेण्डर,ई—आॅक्शन की तर्ज पर ठेकेदारों को आरटीजीएस के माध्यम से ई—पेमेंट किया जाएगा। यानि टेण्डर से लेकर ठेकेदारों के भुगतान तक पूरा प्रोसेस को आॅनलाइन किया जाएगा। ऐसे में ठेकेदारों को अपने भुगतान के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों के यहां चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। साथ ही इस प्रक्रिया से नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी अकुंश लगेगा।
भ्रष्टाचार को रोकने की पहल
नगर निगम में ठेकेदारों को अपने भुगतान के लिए कर्मचारी और अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों के यहां चक्कर काटने पडते हैं। ऐसे में ठेकेदारों को अपनी फाइल आगे बढाने से लेकर बिल पास कराने के लिए कमीशन देने पड़ता है। आॅनलाइन पेमेंट योजना लागू होने के बाद ठेकेदारों का चक्कर काटने के साथ साथ कमीशन के खेल से भी छुटकारा मिलेगा।
100 करोड़ रूपए के भुगतान का क्या!
शहरभर में कराए गए विकास कार्यो के कारण पहले ही ठेकेदार नगर निगम से करीब 100 करोड रूपए मांगते हैं। ऐसे में ठेकेदार पहले ही कई बार हड़ताल पर बैठ चुके हैं। आॅनलाइन पेमेंट से फिलहाल इस कर्जे को नगर निगम ने दूर रखा है। नण् सिरे से किए जाने वाले कार्यो को ही इस योजना से जोडा जाएगा। ऐसे में ठेकेदारों को नगर निगम प्रशासन से अपना बकाया भुगतान मिलने का अभी भी इंतजार है।
महापौर निर्मल नाहटा का कहना है कि इस प्रक्रिया के बाद नगर निगम में कमीशनखोरी पर अकुंश लगेगा। इस प्रक्रिया को लेकर सभी तरह की जांच पूरी कर ली गर्इ है। जल्द इस योजना को लागू कर दिया जाएगा।
जयपुर।
नगर निगम में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जल्द ही ई—टेण्डर,ई—आॅक्शन की तर्ज पर ठेकेदारों को आरटीजीएस के माध्यम से ई—पेमेंट किया जाएगा। यानि टेण्डर से लेकर ठेकेदारों के भुगतान तक पूरा प्रोसेस को आॅनलाइन किया जाएगा। ऐसे में ठेकेदारों को अपने भुगतान के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों के यहां चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। साथ ही इस प्रक्रिया से नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी अकुंश लगेगा।
भ्रष्टाचार को रोकने की पहल
नगर निगम में ठेकेदारों को अपने भुगतान के लिए कर्मचारी और अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों के यहां चक्कर काटने पडते हैं। ऐसे में ठेकेदारों को अपनी फाइल आगे बढाने से लेकर बिल पास कराने के लिए कमीशन देने पड़ता है। आॅनलाइन पेमेंट योजना लागू होने के बाद ठेकेदारों का चक्कर काटने के साथ साथ कमीशन के खेल से भी छुटकारा मिलेगा।
100 करोड़ रूपए के भुगतान का क्या!
शहरभर में कराए गए विकास कार्यो के कारण पहले ही ठेकेदार नगर निगम से करीब 100 करोड रूपए मांगते हैं। ऐसे में ठेकेदार पहले ही कई बार हड़ताल पर बैठ चुके हैं। आॅनलाइन पेमेंट से फिलहाल इस कर्जे को नगर निगम ने दूर रखा है। नण् सिरे से किए जाने वाले कार्यो को ही इस योजना से जोडा जाएगा। ऐसे में ठेकेदारों को नगर निगम प्रशासन से अपना बकाया भुगतान मिलने का अभी भी इंतजार है।
महापौर निर्मल नाहटा का कहना है कि इस प्रक्रिया के बाद नगर निगम में कमीशनखोरी पर अकुंश लगेगा। इस प्रक्रिया को लेकर सभी तरह की जांच पूरी कर ली गर्इ है। जल्द इस योजना को लागू कर दिया जाएगा।
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