मंगलवार, 15 दिसंबर 2015

कोटड़ी (भीलवाड़ा)।बेटे ने रोटी के लिए बेचा अनाज, पिता ने मार डाला



कोटड़ी (भीलवाड़ा)।बेटे ने रोटी के लिए बेचा अनाज, पिता ने मार डाला


बिन मां के मासूम को क्या पता था कि भूख लगने पर पिता निवाला देने के बजाय मौत देगा। भीलवाड़ा के तालेड़ा में एक बेरहम बाप ने अपने ही बेटे को रोटी का टुकड़ा मांगने पर हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। बाप-बेटे के रिश्ते के खून की सिहरन में डालने वाली यह दास्तां दस दिन पूर्व शुरू हुई, जो बच्चे की सोमवार को मौत के साथ खत्म हुई।

तालेड़ा में दस दिन पहले पिता की पिटाई से गंभीर घायल दस वर्षीय नेपाल ने सोमवार को उदयपुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस जांच में सामने आया, पांच दिसम्बर की शाम को घर में खाने के लिए आटा-दाल नहीं होने से नेपाल शराबी पिता से छिपाकर रखा कुछ अनाज दुकान में बेच आया।

उससे किराने का सामान खरीदा ताकि घर में भोजन बन सके। पिता और छोटे भाई जय के लिए नेपाल ही खाना बनाता था। इसका पता पिता धनराज को लग गया। इसी बात को लेकर धनराज ने बेटे को बुरी तरह पीट दिया। पिटाई में बच्चे की आंख व नाक पर गहरी चोट आई थी।

पिता पर हत्या का केस

पुलिस ने पोस्टमार्टम करा नेपाल का शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने 6 दिसंबर को शांतिभंग में पिता को जेल भेजा था। बच्चे की मौत के बाद मामले को हत्या में तब्दील कर दिया।

रात भर कराहता रहा मासूम

थाना प्रभारी राजमल खींची ने बताया, 5 दिसंबर की रात को शराब के नशे में धुत्त तालेड़ा निवासी धनराजसिंह राजपूत ने डंडे से पुत्र नेपाल को बेरहमी से पीटा। बच्चा रातभर कराहता रहा। नेपाल का छोटा भाई जय भी कमरे में था। सुबह उसने चाचा देवी सिंह को घटनाक्रम बताया। चाचा ने नेपाल को एमजीएच में भर्ती कराया। हालत नाजुक होने से बच्चे को उदयपुर रैफर कर दिया।

मारपीट से तोड़ा था मां ने दम

नेपाल की मां का चार साल पहले निधन हो चुका है। मौत के पीछे भी परिजन मारपीट ही कारण बता रहे हैं। हालांकि तब धनराज पर कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।

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