बाड़मेर. अजय वाल्मीकि हत्या प्रकरण का पुलिस ने रविवार को खुलासा कर दिया। रिश्ते में अजय के चचेरे भाई राहुल ने उसकी हत्या की थी। पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर अजय की सोने की चेन व दो अंगुठियां बरामद की।
पुलिस के मुताबिक दोनों भाइयों ने साथ में बैठकर शराब पी। इस दौरान इनके बीच किसी निजी मामले में कहासुनी हुई। इस पर अजय ने राहुल की तरफ शराब की बोतल फेंकी, जो उसे नहीं लगी। इतने में राहुल ने अजय के सिर पर पत्थर मार दिया, जिससे वह लुढ़क गया। फिर उसने एक और पत्थर मारा, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
आरोपित राहुल ने अजय के गले में पहनी चेन, दो अंगुठियां निकाली, उसका मोबाइल फोन लिया और घटनास्थल से निकलकर अपने घर पहुंच गया। वारदात के अगले दिन 28 नवम्बर को हाईस्कूल में अजय का शव मिला तो राहुल प्रदर्शनकारियों की भीड़ शामिल हो गया।
27 नवम्बर की रात हुआ मर्डर
हाईस्कूल मैदान में पीछे की तरफ 28 नवम्बर की सुबह एक युवक का शव दिखाई दिया। इसकी शिनाख्त अजयकुमार पुत्र बसंतकुमार निवासी बापू कॉलोनी के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक अजय की हत्या 27 नवम्बर की रात करीब आठ से नौ बजे के बीच हुई। सुनसान जगह होने के कारण रातभर यहां पर किसी का आवागमन नहीं हुआ और शव पड़ा रहा। अगले दिन सुबह होने पर शव की जानकारी से पूरे शहर में सनसनी फैल गई।
पहले पकड़ा था, लेकिन छुड़ा दिया
आरोपित राहुल को संदेह के आधार 28 नवम्बर को ही पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। इसके बाद वाल्मीकि समाज ने थाने के बाहर हंगामा कर दिया और पकड़े गए वाल्मीकि युवाओं को छोडऩे की मांग पर अड़ गए। लिहाजा पुलिस ने राहुल को छोड़ दिया और ज्यादा पूछताछ नहीं हो पाई। शनिवार को उसे फिर से थाने लाया गया और सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या करना कबूल कर लिया।
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