पटना।दुल्हन के साथ हुआ कुछ ऐसा, पति ने सिंदूर लगाने के बाद दिया कंधा
बिहार की राजधानी पटना के बख्तियारपुर में एक शादी की खुशी उस समय मातम में बदल गई, जब दुल्हन बनी सोनी की डोली उठने की जगह कुछ ही समय पहले उसकी मांग में सिंदूर भरने वाले उसके पति ने उसकी अर्थी को कंधा देकर गंगा घाट पहुंचाया।
पुलिस के अनुसार, बख्तियारपुर के टेका बिगहा गांव की सोनी कुमारी का विवाह बरियारपुर के नया टोला निवासी विंदा राय के पुत्र दयानंद के साथ रविवार की रात में हुई थी। शादी में वर-वधू के विवाह की रस्में अंतिम चरण में थीं, सिंदूरदान हो चुका था।
जब वर-वधू बड़ों का आशीर्वाद लेने उठे तो अचानक दुल्हन गिरकर बेहोश हो गई। घर के लोगों ने उसे होश में लाने के सभी प्रयत्न किए, लेकिन होश में नहीं आई तो दुल्हन को एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। शादी की खुशियां तुरंत मातम में बदल गईं। चिकित्सकों ने बताया कि रातभर ओस में रस्में पूरी करते-करते सोनी को ठंड लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
दुल्हन की मौत के बाद भी दूल्हा दयानंद ने उसका साथ नहीं छोड़ा। निष्प्राण दुल्हन की विदाई करवाकर दयानंद उसे अपने घर ले जाकर गंगा किनारे मुखाग्नि देकर वैदिक रीति से अंतिम संस्कार किया।
इस अनहोनी घटना से सोनी के पिता रवींद्र सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है। कुछ ही घंटे पहले पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेनेवाले दयानंद के आंसू थम नहीं ले रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, सोनी और दयानंद एक-दूसरे को पहले से जानते थे। दोनों ने एक ही कॉलेज में पढ़ाई की थी। इस घटना के बाद दोनों परिवार में ही नहीं, दोनों के गांवों में भी मातम पसरा हुआ है।
बिहार की राजधानी पटना के बख्तियारपुर में एक शादी की खुशी उस समय मातम में बदल गई, जब दुल्हन बनी सोनी की डोली उठने की जगह कुछ ही समय पहले उसकी मांग में सिंदूर भरने वाले उसके पति ने उसकी अर्थी को कंधा देकर गंगा घाट पहुंचाया।
पुलिस के अनुसार, बख्तियारपुर के टेका बिगहा गांव की सोनी कुमारी का विवाह बरियारपुर के नया टोला निवासी विंदा राय के पुत्र दयानंद के साथ रविवार की रात में हुई थी। शादी में वर-वधू के विवाह की रस्में अंतिम चरण में थीं, सिंदूरदान हो चुका था।
जब वर-वधू बड़ों का आशीर्वाद लेने उठे तो अचानक दुल्हन गिरकर बेहोश हो गई। घर के लोगों ने उसे होश में लाने के सभी प्रयत्न किए, लेकिन होश में नहीं आई तो दुल्हन को एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। शादी की खुशियां तुरंत मातम में बदल गईं। चिकित्सकों ने बताया कि रातभर ओस में रस्में पूरी करते-करते सोनी को ठंड लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
दुल्हन की मौत के बाद भी दूल्हा दयानंद ने उसका साथ नहीं छोड़ा। निष्प्राण दुल्हन की विदाई करवाकर दयानंद उसे अपने घर ले जाकर गंगा किनारे मुखाग्नि देकर वैदिक रीति से अंतिम संस्कार किया।
इस अनहोनी घटना से सोनी के पिता रवींद्र सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है। कुछ ही घंटे पहले पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेनेवाले दयानंद के आंसू थम नहीं ले रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, सोनी और दयानंद एक-दूसरे को पहले से जानते थे। दोनों ने एक ही कॉलेज में पढ़ाई की थी। इस घटना के बाद दोनों परिवार में ही नहीं, दोनों के गांवों में भी मातम पसरा हुआ है।
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