कटास राजः PAK के इस मंदिर में गिरे थे शिव के आंसू
पाकिस्तान इस मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ ही इससे जुड़ी सुविधाओं का भी विस्तार करेगा। तीर्थयात्रियों के लिए तीस कमरों की धर्मशाला का निर्माण कार्य भी पूरा होने वाला है।
यह मंदिर महाभारत काल का माना जाता है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव के नेत्रों से आंसू गिरा था जो सरोवर में परिवर्तित हो गया। पढि़ए इस मंदिर से जुड़ी कथा-
यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित ऐतिहासिक तीर्थ है। यहां का प्रमुख मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के पास ही एक सरोवर है। ऐसी मान्यता है कि सती के वियोग में जब भगवान शिव के नेत्रों से आंसू टपके तो पृथ्वी पर भी दो आंसू गिरे।
उनमें से एक आंसू कटासराज में गिरा। इससे यहां सरोवर बन गया। विभाजन से पहले यह बड़ा तीर्थ था और दूर-दूर से लोग यहां आते थे।
दूसरा आंसू राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित पुष्कर में गिरा, जिसे तीर्थराज भी कहा जाता है। मान्यता थी कि कटासराज के सरोवर में स्नान करने से मनुष्य समस्त रोग व पाप से मुक्त हो जाता है।
विभाजन के बाद अस्तित्व में आई पाकिस्तान सरकार ने इस सरोवर की परवाह नहीं की। एक डॉक्यूमेंट्री में इस बात का जिक्र किया गया है कि सरोवर का पानी दो रंग का है - हरा व नीला। सरोवर की कम गहराई पर पानी हरा दिखाई देता है। जहां गहराई ज्यादा है वहां यह नीला है।
उपेक्षा के बावजूद इस सरोवर का पानी साफ है। इस स्थान का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। वनवास के दौरान पांडवों ने काफी समय यहां भी बिताया था। उन्होंने यहां स्थित शिवलिंग का पूजन किया था।
भगवान शिव के अलावा यहां राम व अन्य हिंदू देवी-देवताओं के मंदिर हैं। कुछ लोगों की ऐसी भी मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान शिव व पार्वती का विवाह हुआ था।
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