बुधवार, 23 दिसंबर 2015

गुडग़ांव सरपंची या चौधर के लिए उसे सौतन भी कबूल

गुडग़ांव सरपंची या चौधर के लिए उसे सौतन भी कबूल  

गुडग़ांव. शिक्षा की अनिवार्यता के कारण सरपंच का चुनाव लडऩे के लिए लोग फर्जी मार्कशीट या नाम का सहारा ले रहे हैं, वहीं एक परिवार इससे भी आगे निकल गया। एक महिला ने अपने पति की दूसरी शादी करवा दी। यानी सरपंची या चौधर के लिए उसे सौतन भी कबूल है।

हरियाणा सरकार के पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता लागू करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के मुहर लगाते ही मेवात जिले के एक परिवार ने सरपंची बरकरार रखने के लिए गजब ही कर दिया। जिले के पुन्हाना खंड में सबसे ज्यादा आबादी वाले गांव सिंगार में सरंपच पद महिला के लिए आरक्षित है। निवर्तमान सरपंच हनीफ के परिवार में कोई महिला शिक्षा की वजह से चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। अपने पति की चौधराहट कायम रखने के लिए हनीफ की बीवी जाहिरा ने ऐसा कदम उठाया जो आम महिला के बूते में नहीं होता। उसने अपनी पति की शादी फिरोजपुर झिरका खंड के गांव कौलगांव निवासी आठवीं पास साजिदा से करवा दी। सरपंची के लिए सौतन अपने घर लाने वाली जाहिरा का कहना है कि उसने हनीफ की दूसरी शादी इसलिए करवाई ताकि 'सरपंचीÓ घर में ही रहे।

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