रविवार, 20 दिसंबर 2015

यहां त्यागे थे जटायु ने प्राण, 2016 में फिर देंगे दर्शन!

यहां त्यागे थे जटायु ने प्राण, 2016 में फिर देंगे दर्शन!


कोल्लम। रामायण असत्य पर सत्य की महाविजय का ग्रंथ है। यह आवश्यक नहीं कि हर वह प्राणी जो सत्य के पक्ष में खड़ा होता है, उसके जीवन में ही सत्य की विजय हो जाए। कुछ ऐसा ही जटायु के साथ हुआ था।

उसने मां सीता की रक्षा के लिए रावण से युद्ध किया और घायल होने के बाद अपने प्राण त्यागे थे। जटायु के बलिदान को लोग आज भी याद करते हैं और उसका नाम आदर से लिया जाता है।

उसकी स्मृति में बनाया गया जटायु नेचर पार्क शीघ्र ही लोगों के लिए खोला जाएगा। जनवरी 2016 में केरल के कोल्लम जिले के चदयामंगलम गांव में जटायु नेचर पार्क लोगों के लिए खुलेगा जिसमें रामायण के जटायु की कहानी मूर्त रूप लेगी।

माना जाता है कि यही वो स्थान है जहां जटायु ने रावण से युद्ध किया और उन्होंने प्राण त्यागे। इस स्थान पर उनका विशाल स्कल्पचर बनाया जा रहा है। पर्वत पर इसकी लंबाई 200 फीट, चौड़ाई 150 फीट और ऊंचाई 70 फीटा होगी।

इसके निर्माण में सात साल का समय लगा और करीब 100 करोड़ रुपए लागत आई। इसका निर्माण केरल सरकार करवा रही है। कोल्लम से जटायु नेचर पार्क की दूरी करीब 28 किमी है।

उल्लेखनीय है कि जटायु ने ही श्रीराम को बताया था कि रावण ने सीता का हरण कर लिया। इसके पश्चात जटायु ने प्राण त्याग दिए तथा श्रीराम व लक्ष्मण ने उसका अंतिम संस्कार किया।

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