उदयपुर.रेलवे भर्ती में घोटाले का भंडाफोड़, सरगना सहित13 गिरफ्तार
रेलवे की सहायक वाणिज्यिक क्लर्क भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है। मंगलवार को भर्ती घोटाले के सरगना सहित 13 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। सरगना उत्तरप्रदेश का रहनेवाला है और कोटा में तैनात रेलवे गार्ड के साथ उसकी मिलीभगत थी। सरगना 11 अभ्यर्थियों को लेकर प्रशिक्षण के लिए रेलवे प्रशिक्षण संस्थान पहुंचा था। इस दौरान कोटा का गार्ड भी अपनी पुत्री के साथ प्रशिक्षण के लिए यहां पहुंचा था।
4 से 5 लाख रुपए दिए थे एवज में
जानकारी के अनुसार, रेलवे की सहायक वाणिज्यिक क्लर्क भर्ती परीक्षा के तहत पूरे देश में भर्तियां की गई। भर्ती के बाद अब अलग-अलग जगहों पर प्रशिक्षण दिया जाना था। प्रशिक्षण के लिए ही फर्जी तरीके से परीक्षा में पास हुए 11 परीक्षार्थी मंगलवार को रेलवे प्रशिक्षण संस्थान पहुंचे थे। जबकि इनसे एक दिन पूर्व ही 32 अन्य परीक्षार्थी भी आ चुके थे। अम्बामाता थाना पुलिस ने बताया कि संस्थान में प्रशिक्षण के लिए पहुंचने पर जब सभी से परिचय व प्रमाण-पत्र मांगे गए तब इनकी हकीकत सामने आ गई। इनके पास रेलवे के जो भी दस्तावेज निकले वे सही नहीं पाए गए, भर्ती तारीखें भी गलत थीं और फोटो भी फर्जी तरीके से कॉल लेटर्स पर चिपकाए गए थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पकड़े गए सभी अभ्यर्थियों ने इन्हें 4 से 5 लाख रुपए इन्हें दिए थे।
रेलवे की सहायक वाणिज्यिक क्लर्क भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है। मंगलवार को भर्ती घोटाले के सरगना सहित 13 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। सरगना उत्तरप्रदेश का रहनेवाला है और कोटा में तैनात रेलवे गार्ड के साथ उसकी मिलीभगत थी। सरगना 11 अभ्यर्थियों को लेकर प्रशिक्षण के लिए रेलवे प्रशिक्षण संस्थान पहुंचा था। इस दौरान कोटा का गार्ड भी अपनी पुत्री के साथ प्रशिक्षण के लिए यहां पहुंचा था।
4 से 5 लाख रुपए दिए थे एवज में
जानकारी के अनुसार, रेलवे की सहायक वाणिज्यिक क्लर्क भर्ती परीक्षा के तहत पूरे देश में भर्तियां की गई। भर्ती के बाद अब अलग-अलग जगहों पर प्रशिक्षण दिया जाना था। प्रशिक्षण के लिए ही फर्जी तरीके से परीक्षा में पास हुए 11 परीक्षार्थी मंगलवार को रेलवे प्रशिक्षण संस्थान पहुंचे थे। जबकि इनसे एक दिन पूर्व ही 32 अन्य परीक्षार्थी भी आ चुके थे। अम्बामाता थाना पुलिस ने बताया कि संस्थान में प्रशिक्षण के लिए पहुंचने पर जब सभी से परिचय व प्रमाण-पत्र मांगे गए तब इनकी हकीकत सामने आ गई। इनके पास रेलवे के जो भी दस्तावेज निकले वे सही नहीं पाए गए, भर्ती तारीखें भी गलत थीं और फोटो भी फर्जी तरीके से कॉल लेटर्स पर चिपकाए गए थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पकड़े गए सभी अभ्यर्थियों ने इन्हें 4 से 5 लाख रुपए इन्हें दिए थे।
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