शनिवार, 12 दिसंबर 2015

बाड़मेर 12.12.2015 पूर्व सरपंच फर्जी टीसी प्रकरण में गिरफ्तार

बाड़मेर 12.12.2015 पूर्व सरपंच फर्जी टीसी प्रकरण में गिरफ्तार

न्यायालय अपर सेषन न्यायाधीष संख्या 1 ने पूर्व सरपंच बिषाला आगौर मोटाराम चैधरी को अपनी पत्नी धुड़ी देवी की फर्जी टीसी तैयार करने हेतु मुख्य अभियुक्त मानते हुए जमानत खरिज कर जेल भेजा गया। परिवादी पांचाराम ने न्यायालय में इस्तगासा प्र्रस्तुत किया कि ग्राम पंचायत बिषाला आगौर में सरपंच पद हेतु दिनांक 24.01.2015 को हुए। अभियुक्त धुड़ी देवी ने सरंपच पद हेतु अपना नाम निर्देषन पत्र प्रस्तुत किया जिसके साथ स्वयं द्वारा आठवीं कक्षा उर्तीण महात्मा गांधी उच्च प्राथमिक विद्यालय बीजेएस काॅलोनी, जोधपुर से वर्ष 1987 में उतीर्ण करने की टीसी फर्जी व कूटरचित पेष की। जबकि वर्ष 1987 में बीजेएस काॅलोनी जोधपुर में अवस्थित ही नहीं थी। इस प्रकार अभियुक्त ने ऐसी फर्जी एवं कूटरचित टीसी होने की जानकारी रखते हुए नाम निर्देषन पत्र के साथ प्रस्तुत कर मिथ्या व झूठी घोषणा की है। इत्यादि इस्तागासा पुलिस थाना बाड़मेर ग्रामीण को प्रेषित करने पर मुकदमा संख्या 136 दिनांक 02.09.2015 दर्ज होकर जैर अनुसंधान है। विद्वान अपर लोक अभियोजक एवं अधिवक्ता परिवादी समुन्द्र सिंह राठौड़ ने प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए तर्क पेष किया कि प्रार्थी द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार करवाया गया था तथा उक्त फर्जी प्रमाण पत्र प्रार्थी ने ही लाकर अपनी पत्नी धुड़ी देवी को दिया हैं। प्रार्थी ने महात्मा गांधी उच्च प्राथमिक विद्यालय बीजेएस काॅलोनी जोधपुर के संचालक के साथ मिलकर षड्यंत्र रचकर फर्जी टीसी प्रापत कर अपनी पत्नी से सरपंच पद का चुनाव लड़वाया हैं। इस प्रकरण में प्रार्थी ही मुख्य आरोपी हैं जिसके द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र अपनी पत्नी को लाकर दिया जिस कारण उसने चुनाव लड़ा है। पुलिस द्वारा अब तक संकलित साक्ष्य से प्रार्थी के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 भादस का अपराध प्रमाणित माना है। अतः प्रार्थी को जमानत का लाभ नहीं दिया जावें। प्राथ्ज्र्ञी की पत्नी धुड़ी देवी ने जिस दस्तावेज प्रमाण पत्र के आधार पर नाम नाम निर्देषन पत्र भरकर सरपंच का चुनाव लड़ा है तथा उक्त टीसी महात्मा गांधी उच्च प्राथमिक विद्यालय बीजेएस काॅलोनी जोधपुर में प्राईवेट परीक्षा देकर प्राप्त करना बताया हैं। उक्त संस्था के संबंध में जिला षिक्षा अधिकारी जोधपुर ने अपने पत्र द्वारा पुलिस को यह जानकारी उपलब्ध करवाई हैं कि उक्त वि़द्यालय की मान्यता संबंधी दस्तावेज एवं अन्य प्रकार का रेकर्ड कार्यालय में उपलब्ध नहीं है तथा जांच में पाया कि उक्त विद्यालय संचालित ही नहीं हो रहा है। अब तक पुलिस द्वारा संकलित साक्ष्य से प्रार्थी के विरूद्ध आरोपित अपराध को प्रमाणित माना है। माननीय न्यायाधीष ने अभियुक्त मोटाराम की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन अन्तर्गत धारा 439 द.प्र.स. खारिज कर जैल भेजा गया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें