शनिवार, 14 नवंबर 2015

लंदन के वेम्ब्ली स्टेडियम में बोले PM मोदी, 'विविधता भारत की आन, बान, शान है'



लंदन।लंदन के वेम्ब्ली स्टेडियम में बोले PM मोदी, 'विविधता भारत की आन, बान, शान है'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लंदन के वेम्ब्ली स्टेडियम में अपने भाषण में कहा कि भारत दुनिया की मेहरबानी नहीं चाहता है बल्कि वह बराबरी चाहता है, और पिछले 18 महीनों में यह शुभ संकेत सामने आने लगा है कि आज भारत से जो भी बात करता है वह बराबरी से बात करता है।

प्रधानमंत्री ने वेम्ब्ली स्टेडियम में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और भारतीय समुदाय के करीब 70000 लोगों की उपस्थिति में कहा, ‘दुनिया को भारत ने अपनी ताकत का एहसास करा दिया है। भारत दुनिया से मेहरबानी नहीं चाहता। भारत दुनिया से बराबरी चाहता है।’







भारत मेहरबानी नहीं बराबरी चाहता है
उन्होंने कहा 'पिछले 18 महीने के अपने अनुभवों से मैं कह सकता हूं कि आज जो भी भारत से बात करता है, बराबरी से बात करता है।' गौरतलब है कि 18 महीने पहले मोदी के नेतृत्व में भारत में राजग सरकार सत्ता में आई थी।



मोदी ने कहा, ‘आज दुनिया का हर देश भारत से जुड़ना चाहता है लेकिन अब वह ‘विन विन’ के फामूर्ले के साथ जुड़ना चाहता है। आगे बढ़ना चाहता है तो कदम से कदम मिलाकर बढ़ना चाहता है। और मैं इसे आने वाले भविष्य के लिए शुभ संकेत के रूप में देख रहा हूं।’



उन्होंने कहा कि भारत ने जो गति और दिशा पकड़ी है, भारत और दुनिया के लोग बहुत जल्दी उसके फल को भी देखना शुरू कर देंगे।

मोदी ने कहा कि देशवासियों ने जो नई जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है, उसे पूरा करने के लिए वह भरपूर कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं देशवासियों को यह विश्वास दिलाता हूं कि जो सपने आपने देखें हैं, हर हिन्दुस्तानी ने देखें हैं, उसे पूरा करने का सामर्थ्य भारत में है।



भारत को गरीब रहने का कोई कारण नहीं है
भारत में गरीबी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘पिछले 18 महीने के अपने अनुभवों से मैं कह सकता हूं कि भारत को अब गरीब रहने का कोई कारण नहीं है। हमने बिना कारण गरीबी को पाल रखा है। आदतन हमें गरीबी को पुचकारने में मजा आने लग गया है।’



उन्होंने कहा कि सवा सौ करोड़ आबादी वाले जिस देश में 80 करोड़ लोग 35 साल से कम उम्र के हों, यानी जो देश जवानी से लबालब भरा हो, वह देश अब पीछे नहीं रह सकता है, वह विकास की इस यात्रा में रूक नहीं सकता।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत में बड़े पैमाने पर विविधिता उसकी आन, बान, शान और शक्ति है।’ उन्होंने कहा कि भारत की धरती पर रहीम और कबीर की बातें हम सबको प्रेरणा देती हैं। सूफी परंपरा अगर बलवान हुई होती और इस्लाम में ही सूफी परंपरा का प्रभाव बढ़ा होता और जिसने भी सूफी परंपरा को समझा होता तब वह हाथ में बंदूक लेने का विचार नहीं करता।'



विविधता हमारी आन, बान, शान
भारत में विविधता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे यहां सौ भाषाएं, 1500 बोलियां, हजारों खानपान की पद्धतियां और सैकड़ों वेशभूषाएं हैं। इतनी सारी विविधताएं हैं लेकिन यह विविधता हमारी विशेषता भी है, हमारी आन, बान, शान भी है और हमारी शक्ति भी है।

मोदी ने कहा कि यह भारतीय समुदाय ने सिखाया है कि विविधताओं के बीच भी सबके साथ मिलकर कैसे जिया जाता है, अपनी परंपराओं को बचाते हुए, दूसरों को बिना खरोंच पहुंचाते हुए कैसे घुलमिलकर रहा जा सकता है, इसी से हिन्दुस्तान की सही पहचान बनती है।

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