रविवार, 15 नवंबर 2015

जोधपुर जोधपुर के दो युवकों का कूच बिहार में गला रेता



जोधपुर जोधपुर के दो युवकों का कूच बिहार में गला रेता

आसाम के गोवाहाटी से ट्रक में चाय पत्ती भरकर लौट रहे जोधपुर की लूनी तहसील के दो युवकों की पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में गला रेतकर हत्या कर दी गई। दोनों शव हाईवे पर जंगल में फेंककर ट्रक भी लूट लिया गया। पुलिस स्टेशन गोसा दाण्डा में अपहरण, हत्या व लूट का मामला दर्ज किया गया है। वारदात में नक्सली आतंकियों का हाथ होने की आशंका है।



झंवर थानाधिकारी सोमकरण के अनुसार लूनी के भाचरणा गांव निवासी सुखराम पंवार (35) पुत्र रामचन्द्र विश्नोई तथा खुडाला गांव निवासी भागीरथ कांवा (38) पुत्र मोहनराम विश्नोई के शव 9 नवम्बर की रात 1 बजे कूच बिहार जिले में हाईवे स्थित जंगल में मिले थे।



धारदार हथियार से गला रेतकर दोनों की हत्या की गई थी। जेब से मिली बोर्डर पचीं तथा कांटा पर्ची से दोनों का संबंध गोवाहाटी में श्याम रोडवेज नामक ट्रांसपोर्ट से होने का पता लगा। इसके आधार पर दोनों के घर का पता लगा और 10 नवम्बर दोपहर में कूच बिहार पुलिस ने परिजन को फोन कर सूचना दी।







आनन-फानन में परिजन कूच बिहार के लिए रवाना हुए। गोसा दाण्डा थाने में अपहरण, हत्या व लूट का मामला दर्ज कराने के बाद पोस्टमार्टम कर शुक्रवार को शव लेकर गांव पहुंचे। इसी दिन दोनों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।



मेहंदी भरकर रवाना हुए थे गोवाहाटी

पुलिस का कहना है कि सुखराम विश्नोई खुद की ट्रक का चालक है। भागीरथ उसका सहायक है। गत 25-26 अक्टूबर की मध्यरात्रि में दोनों पाली जिले के सोजत क्षेत्र से मेहंदी भरकर गोवाहाटी के लिए रवाना हुए थे। चाय भरकर जोधपुर लौट रहे थे।



हाईवे पर जंगल में अपहरण व हत्या

गत 9 नवम्बर की रात दोनों ट्रक लेकर कूच बिहार जिले में घुसे थे। आशंका है कि हाईवे स्थित जंगल में नक्सलियों ने अकेले देख ट्रक का अपहरण कर लिया। रास्ते में गला रेतकर दोनों की हत्या की और शवों को जंगल में फेंक दिया। आधी रात पुलिस को वारदात का पता लगा था।



चाय पत्ती लूट ट्रक छोड़ भागे

वारदात के दो दिन बाद यानि 11 नवम्बर को कूच बिहार के जंगलों में ही सुखराम का ट्रक लावारिस हालत में मिल गया, लेकिन उसमें भरी चाय की पत्ती गायब थी। ट्रक में रखे हजारों रुपए भी लूट ले जाने की आशंका है।

पत्नी बीमार, मजदूरी कर इलाज करा रहा था भागीरथ

पुलिस का कहना है कि भागीरथ कांवा का परिवार काफी निर्धन है। उसे दो पुत्र व दो पुत्री है। पत्नी दिमागी बीमार है। उसे कैंसर होने की आशंका जताई जा रही है। वह ट्रक पर मेहनत-मजदूरी करके परिवार का गुजर-बसर करने के साथ ही पत्नी का इलाज भी करवा रहा था। परिवार का एकमात्र कमाई का जरिया भागीरथ ही था। उसकी मृत्यु से परिवार सदमे में है।

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