गुरुवार, 19 नवंबर 2015

चित्तौडग़ढ़।अरे ये क्या सड़क पर बिखरे पड़े एक करोड़ के सिक्के!



चित्तौडग़ढ़।अरे ये क्या सड़क पर बिखरे पड़े एक करोड़ के सिक्के!


एक करोड़ से अधिक की राशि के सिक्कों से भरा कंटेनर 24 घंटे से अधिक समय तक हाइवे पर दुर्घटनाग्रस्त पड़ा रहा। इसके बावजूद आरबीआई व सम्बंधित बैंकों की ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई। सूचना के बावजूद कोई मौके पर नहीं पहुंचा। वहीं सिक्कों की सुरक्षा के लिए पुलिस को गुरुवार को पूरे दिन व रात में भी जाप्ता तैनात करना पड़ा। यहां तक बैंक अधिकारियों ने दोपहर बाद तो मोबाइल फोन ही बंद कर दिए, जिससे कि सिक्कों के संबंध में निर्णय करना पुलिस के लिए टेड़ी खीर हो गया। अगले दिन भी सिक्कों से भरा कंटेनर यथा स्थिति पड़ा रहा।

उदयपुर मार्ग पर बुधवार रात को सिक्कों से भरा कंटेनर पलट गया जिसमें चालक सहित कुल चार व्यक्ति घायल हो गए थे। इन्हें 108 एंबुलेंस को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था। हादसे की सूचना पर भदेसर थानाधिकारी दलपतसिंह व चित्तौडग़ढ़ से भी पुलिस जाप्ता पहुंच गया था। हादसे के स?बंध में पुलिस ने बैंक अधिकारियों से संपर्क कर घटना की सूचना दी थी। गुरुवार सुबह तक बैंक अधिकारियों ने मौके पर आने आश्वासन दिया था। गुरुवार सुबह एक बारगी पुलिस ने टैंकर को क्रेन से खड़ा करने की योजना बनाई। सिक्कों की एक बार गणना हो जाए, इसके लिए कंटेनर को हाथ नहीं लगाया। पुलिस ने कंटेनर का गेट बंद करवा कर जाप्ता तैनात कर दिया। गुरुवार को पूरे दिन इंतजार के बावजूद कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। भदेसर थानाधिकारी बैंक कर्मचारियों के संपर्क में रहे। दिन में दो-तीन बार फोन पर भी बात की तथा टीम के रवाना करने की बात सामने आई थी।

शाम को अंधेरा पडऩे के बावजूद कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। दुर्घटनाग्रस्त कंटेनर में करीब एककरोड़ के सिक्के ऐसे ही पड़े रहे। यहां तक चित्तौडग़ढ़ से भी बैंक का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं आया। मात्र सिक्कों की सुरक्षा के लिए पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। रात को भी पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए गए। बैंक कर्मचारियों की लापरवाही पुलिस के लिए भारी पड़ गई। वहीं दूसरी ओर हादसे में घायल भीलवाड़ा जिले के दौलतगढ़ निवासी चांदमल खटीक, बाबूलाल खटीक, डालचंद खटीक व सीकर निवासी चालक होशियारसिंह को चिकित्सालय में भर्ती करा दिया था, जिनकी स्थिति सामान्य बनी रही। गुरुवार रात तक भदेसर थाने में दुर्घटना का मामला दर्ज नहीं हुआ। सिक्कों की गणना नहीं होने से यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यहां से दुर्घटना के बाद कोई सिक्के लेकर गया हो।

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