जालोर लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्री कोठारी ने ली गैर सरकारी संगठनों की बैठक
लोगांे को भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए जागरूक कर भावी पीढ़ी को इस दंश से मुक्त करायें
जालोर 6 अक्टूम्बर - राजस्थान के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस.एस.कोठारी ने जिले में कार्यरत गैर सरकारी संगठनों की कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक लेते हुए कहा कि आम जनता तक लोकायुक्त सचिवालय की अधिकारिता, कार्यक्षेत्रा व कार्यप्रणाली की जानकारी पहुंचाने गैर सरकारी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं व इसका पूरा लाभ जनता तक तभी पहुंच पायेगा जब सम्पूर्ण नागरिक समाज आगे आकर इसके समक्ष अपने सुझाव व समस्या रखेंगे।
उन्होंने भ्रष्टाचार को देश के विकास में एक बडी समस्या बताते हुए इसके विरूद्ध जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने व इसके क्षेत्राधिकार में आने वाले विषयों पर निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेजों के साथ शिकायत प्रस्तुत करने की बात कही।
लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्री कोठारी ने हांगकांग के त्रिआयामी माॅडल का उदाहरण देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का हल सिर्फ व्यक्तिगत दण्ड ही नहीं हैं अपितु इसके लिए सामान्य प्रशासन व जन चेतना में भी बदलाव लाना आवश्यक है। उन्होंने गैर सरकारी संगठनों से अनुरोध किया कि वे जिस प्रकार सामाजिक सेवाओं के लिए कैंप लगाते हैं उसी प्रकार भ्रष्टाचार के विरूद्ध जन जागृति फैलाने के लिए भी कैम्प लगायंे, जिससे भ्रष्टाचार के विरोध में सामान्य चेतना का निर्माण हो सकें।
लोकायुक्त ने बैठक में मौके पर ही विभिन्न गांव एवं शहरी क्षेत्रा में आये नागरिकों से उसकी शिकायतें प्राप्त की और सुना। उन्होंने स्वयंसेवी संगठनों से अपेक्षा की कि जिस प्रकार वे सरकार की जनकल्याणकारी एवं अन्य समाजसेवी गतिविधियों में सहयोग करते हैं, भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। इससे लोक प्रशासन में उच्च मापदंडों की स्थापना और मूल्यों की नई परम्परा विकसित होगी और भावी पीढ़ी भ्रष्टाचार के इस भयंकर दंश से मुक्त हो सकेगी।
बैठक में परिवादी हीराचन्द जैन, पदमाराम चैधरी, श्रीमती सरस्वती (मुंबई), धन्नाराम पुरोहित व भवानीसिंह मेडतिया (सेवानिवृत) ने अपने मामले लोकायुक्त उप-सचिव उमाशंकर शर्मा के समक्ष दर्ज करवाये।
बैठक मंे विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ जालोर उपखण्ड अधिकारी हरफूल पंकज व जालोर पुलिस उप अधीक्षक शैतानसिंह उपस्थित थे।
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