रविवार, 18 अक्टूबर 2015

कानोड़ रामलीला । पांचवे दिन हुआ भरत मिलाप,लोगो ने कहा भाई हो तो भरत जैसा



कानोड़ रामलीला । पांचवे दिन हुआ भरत मिलाप,लोगो ने कहा भाई हो तो भरत जैसा



जगदीश सैन पनावड़ा

बायतु । क्षेत्र के कानोड़ कस्बे में मंगलवार से शुरू हुई रामलीला का नागणेचिया रामायण मण्डल नागाणा के कलाकारों द्वारा मंचन किया जा रहा हैं । इस मण्डल में छगन दमामी नसीब दीवाना बायतु नारायण महाराज गजेन्द्र कुमार नरपत कैलाश फिरोज आदि कलाकारों द्वारा भगवान राम के जीवन चरित्र पर जीवन्त रामलीला का मंचन किया जा रहा हैं ।

पांचवे दिन भगवान राम के वनवास जाने के बाद लंका के क्षेत्र में प्रवेश होने पर लंकापति रावण की राक्षसी बहन द्वारा भगवान राम से विवाह करने की जिद्द और राम द्वारा आदेश मिलने पर रावण की बहन का लक्ष्मण द्वारा नाक कान काटना, रावण की बहन का अपने भाईयो को नाक कान काटने की घटना बताना जिस पर रावण के भाईयोँ द्वारा भगवान् राम से युद्ध करना, भरत का अपने ननिहाल से अयोध्या लौटना और राम लक्ष्मण सीता की खबर पूछना कैकेयी द्वारा पूरी घटना की जानकारी देना, अयोध्या के राजा दशरथ का शिकार करने जाना और शरयु नदी पर श्रवण अपने माता पिता की कावड़ लेकर विश्राम करना,नदी से पानी भरते समय दशरथ के बाण से श्रवण के प्राण निकलना,श्रवण के बूढ़े माता पिता का श्रवण के वियोग में तड़फ तड़फ कर मरते हुए दशरथ को श्राफ देना, जैसे हम पुत्र वियोग में मरे वैसे ही दशरथ तू भी मरेगा,और दशरथ का राम के प्रति प्यार से पुत्र वियोग में प्राण त्यागना,भरत को कैकेयी द्वारा अयोध्या का राज्याभिषेक करने की बात करना भरत का राम से मिलने वनवास में भटकना, भरत का वन में भटकते भटकते भगवान राम लक्ष्मण सीता का मिलाप आदि मंचन को श्रोताओं ने खूब सराहा। राम भरत मिलाप संवाद आकर्षण का केंद्र रहा। राम के वनगमन एवं भरत का तड़फ तड़फ कर भगवान राम को मिलने के लिए वन में जाना आदि दृश्यों का मंचन हुआ। भरत मिलाप में ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर भरत मिलान करवाया गया खूब दान पूण्य दिया गया ।इस राम लीला को देखने आसपास के गाँवो से भारी संख्या में लोग पहुँच रहे हैं ।

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