मंगलवार, 27 अक्तूबर 2015

अजमेर पुरानी नीवं, नया निर्माण की भावना से ही विकसित होगी भारतीय संस्कृति- श्रीमती सिन्हा



पुरानी नीवं, नया निर्माण की भावना से ही विकसित होगी भारतीय संस्कृति- श्रीमती सिन्हा
म.द.स.विश्वविद्यालय में महिला साहित्यकार सम्मेलन सम्पन्न

गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा एवं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती सुमन शर्मा ने की शिरकत


अजमेर 27 अक्टूबर। गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा ने कहा कि भारतीय संस्कृति सभी को साथ लेकर परिवार के रूप में आगे बढ़ने की संस्कृति है। अब वक्त आ गया है कि हम अपनी सशक्त और समृद्ध पुरानी नीवं को नए निर्माण से जोड़ कर राष्ट्र निर्माण करें। हम अपने बच्चों और युवाओं को परिवार के साथ आगे बढ़ने के संस्कार प्रदान करें। तभी हमारी संस्कृति बिखरने से बची रहेगी।

गोवा की राज्यपाल श्रीमती सिन्हा ने यह बात मंगलवार को महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय में आयोजित महिला साहित्यकार सम्मेलन के समापन के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि कोई भी परिवार जो तीन पीढ़ियों को संग लेकर चलता है वह अवश्य आगे बढ़ता है। हमें प्रकृति के साथ-साथ चलना होगा। प्रकृति के विरूद्ध जाने वाला व्यक्ति अन्त में पछताता है। उन्होंने राष्ट्र और व्यक्ति के निर्माण में परिवार को सर्वाधिक महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए कहा कि आज सभी को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है।

श्रीमती सिन्हा ने कहा कि आज भारत की बेटियां जल, थल और नभ पर अपना परचम फहरा रही है। उन्हें अपने पिता, पति या भाई का पूरा सहयोग भी मिल रहा है। लेकिन बेटियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि मां की भूमिका उन्हें ही निभानी है। प्रकृति ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका महिलाओं को दी है। जिसका उन्हें पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज विकास और धन कमाने की अंधी दौड़ में पैकेज का महत्व बढ़ता जा रहा है। कोई संस्कार निर्माण पर ध्यान नहीं दे रहा है। यह स्थिति खतरनाक है। जीवन में अर्थ की प्रधानता नुकसानदायक है। नई पीढ़ी को धन कमाने के पीछे भागने वाली पीढ़ी के बजाय संस्कारवान बनाना अधिक महत्वपूर्ण है। हमें तय करना होगा की हम अपने परिवार और बच्चों को किस दिशा में आगे बढ़ा रहे है। संयुक्त परिवार व्यक्तित्व विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हमें प्रयास करना होगा कि परिवार नहीं टूटे।

श्रीमती सिन्हा ने युवाओं को कहा कि वे अपने एवं देशहित में वचन लें कि वे अपने माता-पिता को कभी वृद्धाश्रम नहीं जाने देंगे। विवाह करेंगे परन्तु उसे तोडेंगे नहीं। महिलाओं पर अत्याचार को किसी भी स्थिति में सहन नहीं करेंगे, शराब या ड्रग को हाथ नहीं लगाएंगे तथा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखेंगे।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती सुमन शर्मा ने कहा कि महिलाएं खुद को कमजोर नहीें माने। ऐसा कभी नहींे हुआ जब महिला सशक्त नहीं रही हों। हम अपनी तुलना किसी से नहीें करें, अपनी शक्ति को पहचाने। आज हर क्षेत्रा में महिलाएं आगे हैं। उन्होंने परिवार और सबका साथ विचार की वकालत करते हुए कहा कि सुबह पूरे परिवार के साथ पी गई चाय की एक प्याली सभी की चिन्ताओं को हर लेती है। महिलाएं आधुनिकता की अंधी दौड़ में दौड़ने की बजाय परिवार के साथ खुशियों के पल जिएं तो ज्यादा सफलता हासिल होगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने भी विचार व्यक्त किए। सम्मेलन के संयोजक डाॅ. बद्रीप्रसाद पंचोली ने कहा कि भारतीय जीवन की नकारात्मकता को दूर करने के लिए महिलाओं के सजृन शक्ति को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने सम्मेलन की उपलब्धियों के बारे में भी चर्चा की। डाॅ. विमलेश शर्मा ने सम्मेलन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

दीपावली पर बिजली, पानी एवं चिकित्सा व्यवस्था के निर्देश
अजमेर 27 अक्टूबर। जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने आगामी दिनों में मनाए जाने वाले दीपावली पर्व के दौरान 9 से 13 नवम्बर तक पानी, बिजली, चिकित्सा एवं कानून व शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के पूरी मुस्तैदी बरतने के निर्देश दिए हैं।

अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर श्री हरफूल सिंह यादव ने बताया कि जलदाय विभाग के अतिरक्त मुख्य अभियंता को दीपावली पर्व के दौरान नियमित जलापूर्ति रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जिले में कहीं किसी प्रकार का असंतोष उत्पन्न ना हो। इसी तरह विद्युत आपूर्ति भी नियमित रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग को कहा गया है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बिना कटौती की विद्युत आपूर्ति बनाए रखे।

श्री यादव ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को दीपावली पर्व के दौरान पर्याप्त मात्रा में स्टाफ, दवाईयां, रोगी वाहन, आपातकालीन वार्ड आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। इसी प्रकार सभी उपखण्ड अधिकारियों को कानून व शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक प्रबंध करने को कहा गया है। सभी उपखण्ड मजिस्ट्रेट असामाजिक तत्वों एवं संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी रखने की व्यवस्था करेंगे।

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