बुधवार, 14 अक्तूबर 2015

अजमेर साप्ताहिक व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का तीसरा दिवस



अजमेर साप्ताहिक व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का तीसरा दिवस
राजकीय महिला अभियांत्रिकी महाविद्यालय, अजमेर में चल रही साप्ताहिक व्यक्तित्व विकास कार्याशाला के तीसरे दिवस का शुभारम्भ दिनांक प्रातः 9ः00 बजे 14.10.2015 को प्राचार्य अजय सिंह जेठू एवं प्रोफेसर आशीष पारीक द्वारा किया गया। इस कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि डाॅ. आशीष पारीक थे जो कि वर्तमान में महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर में सहआचार्य है। प्रथम सत्र में प्रोफेसर आशीष पारीक ने मार्केटिंग एवं मेनेजिंग के विषय पर बताया इसी के साथ उन्होंनें बताया कि किस प्रकार से प्रभावी तथा योग्य होने के साथ-साथ एटिट्यूड भी होना आवश्यक है। उन्होंनें यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जीवन में स्वयं की महत्ता रखता है।

द्वितीय सत्र में डाॅ. ज्योति फावा जी जो कि वर्तमान में जेइसीआरसी महाविद्यालय की ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट डायरेक्टर है, ने सामूहित शिष्टाचार के विषय पर विद्यार्थियों को सम्बोधिंत किया। उन्होंनें विद्यार्थियों को बताया कि किस प्रकार से शिष्टाचार हमारे जीवन में आवश्यक है।

तृतीय सत्र में डाॅ. सतीश भद्रा जो कि वर्तमान में भारतीय विद्या भवन के डिप्टी डायरेक्टर तथा उच्च शिक्षा विभाग में सलाहकार है, ने प्रोफेशनल एक्सीलेंस पर चर्चा की। उन्होंनें बताया कि जीवन में गहनता होना आवश्यक है इसके अलावा उन्होंनें विद्यार्थियों के जीवन की तरफ सकारात्मक सोच रखते हुए किस प्रकार से आगे बढ़ा जाए, के विषय पर व्याख्यान किया तथा जीवन के कई उदाहरणों से सकारात्मकता की महत्ता को समझाया। उन्होंनें बताया कि जीवन में कभी भी मन से हार नहीं माननी चाहिए क्योकि मन के हार मान लेने से हार निश्चित हो जाती है।

अन्तिम सत्र में डाॅ. भद्रा ने बताया कि किसी भी कार्य को करने के लिये सर्वप्रथम कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। उन्होंनें कहा कि कभी भी अपने जीवन पर किसी और को प्रभावी नहीं होने देना चाहिए तथा अपना कार्य अपने अनुसार करना चाहिए इसी के साथ न्युटन, जेम्सवाट आदि वैज्ञानिकों के उदाहरण देकर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। महाविद्यालय के प्राचार्य ने कार्यशाला को सराहा।

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