बांसवाड़ा.जिंदा जले मां-बेटी, फैली सनसनी
सदर थाना क्षेत्र के चिडि़यावासा गांव में बुधवार तड़के सनसनीखेज घटनाक्रम में मां-बेटी की जिंदा जलने से मौत हो गई। प्रेम विवाह के बाद हुए इस संदेहास्पद मामले पर पीहर पक्ष ने ससुराल वालों पर केरोसिन छिड़ककर आग लगाने का आरोप लगाया। इस पर पुलिस ने दहेज हत्या में प्रकरण दर्ज किया है।
थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि चिडि़यावासा निवासी इंदिरा पत्नी रमेश चन्द तथा उसकी नौ वर्षीय बेटी परी के आग से झुलसने की जानकारी बुधवार तड़के साढ़े चार बजे मिली। इस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर झुलसी अवस्था में दोनों को महात्मा गांधी चिकित्सालय लेकर आई, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
इसी बीच डूंगरपुर के आेबरी गांव निवासी इंदिरा के भाई जीतेन्द्र पुत्र रमण लाल भट्ट सहित बड़ी संख्या में पीहर पक्ष के लोग बांसवाड़ा के एमजी अस्पताल पहुंच गए। पीहर वालों ने ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग को लेकर इंदिरा को परेशान करने एवं उस पर केरोसिन छिड़ककर आग लगाने का आरोप लगाया और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए।
इसके चलते मोर्चरी के बाहर दिनभर विवाद की स्थिति बनी रही। बाद में बांसवाड़ा पुलिस उप अधीक्षक विक्रम सिंह राठौड़ एवं सीआई भाटी ने दोनों पक्षों में समझाइश की। इसके बाद मामला शांत हुआ। पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव ससुराल पक्ष को सुपुर्द किया।
इनके खिलाफ दी रिपोर्ट
मृतका इंदिरा के भाई जितेन्द्र ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि इंदिरा की शादी गामड़ा निवासी चिमन लाल से हुई। चिमन से विवाद के बाद इंदिरा ने रमेश के साथ प्रेम विवाह कर लिया। विवाह के बाद से उसके पति रमेश, ससुर विश्वनाथ, सास मणि, देवर राजू तथा देवरानी मीना दहेज के लिए उसे परेशान कर रहे थे। दहेज नहीं देने से ससुराल पक्ष के लोगों ने इंदिरा को जलाकर मार दिया।
गांव में शोक की लहर
चिडि़यावासा गांव में मां बेटी की जलने से मौत के बाद मातम छाया हुआ है। घटना गांव के हर गली-मोहल्ले में दिनभर में चर्चा का विषय रही।
अक्सर होती थी अनबन
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने बताया कि मृतका इंदिरा और उसके पति रमेश ने दो-दो शादियां की थी। रमेश के पहली पत्नी से एक बेटी और एक बेटा है और इंदिरा के एक बेटी है। कुछ सालों पहले दोनों ने प्रेम विवाह किया था। दोनों के बीच अक्सर अनबन होती रहती थी। मंगलवार रात को भी किसी बात को लेकर दोनों में अनबन हो गई थी। इसके चलते पति रमेश घर के बाहर और मां-बेटी भीतर सोए। रात करीब 3.30 बजे जब कमरे के अंदर से तेज रोशनी दिखी और मां-बेटी की चिल्लाने की आवाज सुनाई पड़ी। इस पर रमेश ने बाहर से दरवाजा तोडऩे के प्रयास किया। रमेश चिल्लाया तो ग्रामीण एकत्र हुए और उन्होंने पीछे से दरवाजा तोड़कर मां-बेटी को निकालने का प्रयास किया, लेकिन इसमें काफी देर हो चुकी थी। इसी दरम्यान इत्तला पर मौके पर पहुंंची पुलिस ने शवों को बाहर निकलवाया और कमरे को सील किया।
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