रविवार, 11 अक्तूबर 2015

अजमेर।बाबा फरीद की मजार पाकिस्तान में...मोहर्रम पर चिल्ला दरगाह में खुलता चिल्ला



अजमेर।बाबा फरीद की मजार पाकिस्तान में...मोहर्रम पर चिल्ला दरगाह में खुलता चिल्ला


मिनी उर्स यानी मोहर्रम को लेकर ख्वाजा साहब की दरगाह में तैयारियां जोरों पर है। मोहर्रम में दरगाह स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी खोला जाता है। चिल्ले की जियारत के लिए देश-विदेश से हजारों जायरीन यहां पहुंचते हैं। इस कारण जायरीन की लम्बी कतार लगती है। इसके अलावा भी मोहर्रम के दौरान होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में आशिकाने हुसैन की जबरदस्त भीड़ उमड़ती है।

साल में एक बार खुलता है चिल्ला

बाबा फरीद का चिल्ला साल में एक बार मोहर्रम की 4 तारीख को 72 घंटे के लिए खोला जाता है। इस बार यह चिल्ला 17 या 18 अक्टूबर को खोला जाएगा। पहले यह चिल्ला मोहर्रम की 5 तारीख को खोला जाता था, लेकिन बाद में चिल्ले की जियारत के लिए आने वाले जायरीन की संख्या बढ़ती गई। इसे देखते हुए अब यह चिल्ला एक दिन पहले खोल दिया जाता है।

पाक में मनाते हैं उर्स

अंजुमन सदस्य सैयद मुनव्वर चिश्ती ने बताया कि दरगाह में जिस जगह चिल्ला बना हुआ है, वहां बाबा फरीद ने 12 साल तक इबादत की थी। कई लोगों को यह गलत जानकारी है कि जहां चिल्ला बना है, वहां गरीब नवाज का कच्चा मजार है, जिसकी जियारत के लिए लोग उमड़ते हैं जबकि एेसा नहीं है। बाबा फरीद ने जिस जगह पर बैठ कर इबादत की थी, उस जगह उनका चिल्ला है। उन्होंने बताया कि बाबा फरीद का मजार पाकिस्तान स्थित पाक पट्टन में है, जहां पर मोहर्रम की पांच तारीख को उनका उर्स मनाया जाता है। उसी दिन यहां पर चिल्ले की जियारत करने लोग आते हैं।

नंगी तलवारों से खेलेंगे हाईदौस

अंदरकोट में द सोसायटी पंचायत अंदरकोटियान ने भी मोहर्रम से संबंधित तैयारियां कर ली है। अंदरकोट में मोहर्रम की 9 व 10 तारीख को नंगी तलवारों से हाईदौस खेला जाता है। पंचायत कोटियान के सदर मंसूर खान के अनुसार हर साल जिला प्रशासन की और से रस्म के लिए सौ तलवारें पंचायत को दी जाती है। इस बार मोहर्रम कन्वीनर ज़ाहिद खान को नियुक्त किया गया है। खान के साथ पंचायत ऑडिटर एस.एम. अकबर, उस्मान खान, अमीन अब्दुल खालिक, मोहम्मद हुसैन, इशहाक मोहम्मद और सईद खान को कमेटी में शामिल किया गया है।

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