भक्तों को युद्ध में विजय दिलाती हैं मां चंद्रघंटा
ध्यान मंत्र- वन्दे वाच्छित लाभाय चन्द्रर्घकृत शेखराम्सिंहारूढा दशभुजां चन्द्रघण्टा यशंस्वनीम्॥कंचनाभां मणिपुर स्थितां तृतीयं दुर्गा त्रिनेत्राम्खड्ग, गदा, त्रिशूल, चापशंर पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥पटाम्बर परिधानां मृदुहास्यां नानालंकार भूषिताम्मंजीर हार, केयूर, किंकिणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥प्रफुल्ल वंदना बिबाधारा कांत कपोलां तुग कुचाम्कमनीयां लावाण्यां क्षीणकटिं नितम्बनीम्॥
स्तोत्र मंत्र- आपद्धद्धयी त्वंहि आधा शक्ति: शुभा पराम्अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यीहम्॥चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्ट मंत्र स्वरूपणीम्धनदात्री आनंददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायनीम्सौभाग्यारोग्य दायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥
कवच मंत्र- रहस्यं श्रणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलाननेश्री चन्द्रघण्टास्य कवचं सर्वसिद्धि दायकम्॥बिना न्यासं बिना विनियोगं बिना शापोद्धारं बिना होमंस्नान शौचादिकं नास्ति श्रद्धामात्रेण सिद्धिकम॥कुशिष्याम कुटिलाय वंचकाय निन्दकाय चन दातव्यं न दातव्यं न दातव्यं कदाचितम्॥
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