नई दिल्ली।प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों का खाका खींचेगी इतिहास अनुसंधान परिषद
भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद ने दो नई परियोजनाओं पर आगे बढऩे का निश्चय किया है, इनमें से एक वैदिक काल से लेकर 18वीं सदी तक देश की वैज्ञानिक उपलब्धियों का पता लगाना ।
परिषद की गत 23 सितंबर को हुई बैठक में प्राचीन काल से लेकर अब तक के पर्यावरण विज्ञान के इतिहास का ढांचा बनाने के प्रस्ताव को अनुमति दी गई।
परिषद इतिहासकारों से प्राचीन वैदिक साहित्य वेद, पुराण, धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, वेदांग, ज्योतिष और वस्तुशास्त्र का अध्ययन करने का प्रारूप बनाएगी ताकि देश की प्राचीन वैज्ञानिक उपलब्धियों जैसे अंतरिक्ष, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, आयुर्वेद, वास्तुकला, सौंदर्य सिद्धान्त और सैन्य विज्ञान समेत अन्य प्रौद्योगिकी और विज्ञान शिक्षा के बारे में पता चल सके।
परिषद के अध्यक्ष एन. सुदर्शन राव ने कहा कि सर मोनियर विलियम्स जैसे विद्वान प्राचीन भारत में विज्ञान और कला में हुई तरक्की को देखकर दंग रहे थे।अन्य क्षेत्रों में भी भारत ने उपलब्धियां हासिल की थी। हम पाली साहित्य समेत बौद्ध और जैन साहित्य में मौजूद विज्ञान का पता लगाएंगे।
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